माँ भवानी की आरती

माँ भवानी को शक्ति की देवी माना जाता है। वे दुर्गा, पार्वती, काली और चंडी का ही स्वरूप हैं। भक्त उन्हें संकट हरने वाली, दुख निवारिणी और सुख-समृद्धि देने वाली माँ मानते हैं।

Published On 2025-09-04 17:48 GMT   |   Update On 2025-09-04 17:48 GMT

माँ भवानी की आरती

माँ भवानी को शक्ति की देवी माना जाता है। वे दुर्गा, पार्वती, काली और चंडी का ही स्वरूप हैं। भक्त उन्हें संकट हरने वाली, दुख निवारिणी और सुख-समृद्धि देने वाली माँ मानते हैं।

माँ भवानी की आरती करने से मन को शांति, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

माँ भवानी की आरती

जय भवानी जय दुर्गे माता।

तुमको निशदिन ध्यावत रटा॥

ब्रह्मा-विष्णु शंकर माता।

सेवें सब मिल चरण तुम्हारा॥

जय भवानी जय अम्बे माता।

संतन की तुम हो रखवाला॥

जो कोई तुम्हे सुमिरन करता।

माँ भवानी सब संकट हरता॥

शेर सवारी शेरांवाली।

भक्तन के दुःख दूर निराली॥

कभी रुद्र रूप में हो भवानी।

कभी लक्ष्मी बन बरसाओ दानी॥

दुष्टों का तुम शीघ्र नाश करती।

भक्तों का तू उद्धार करती॥

तेरे दर पे जो भी आता।

खाली कोई कभी न जाता॥

आरती माँ भवानी की जो गाता।

मनवांछित फल वह सब पाता॥

माँ भवानी की आरती का महत्व

आरती करने से मन और आत्मा को शक्ति मिलती है।

जीवन के संकट, भय और दुख दूर होते हैं।

माँ भवानी का स्मरण करने से सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल बढ़ता है।

घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

शत्रु बाधा, काल भय और नकारात्मकता समाप्त होती है।

आरती का शुभ समय

सुबह (सूर्योदय के समय) – दिनभर उत्साह और ऊर्जा बनी रहती है।

शाम (संध्या समय दीपक के साथ) – नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति और घर में शांति आती है।

विशेष रूप से नवरात्रि, दुर्गाष्टमी, अमावस्या और मंगलवार को माँ भवानी की आरती करना अति फलदायी होता है।

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