सफला एकादशी 2025: विष्णु जी को प्रिय भोग, व्रत से मिलेगा सफलता और लक्ष्मी कृपा का आशीर्वाद
सफला एकादशी 2025 का व्रत 15 दिसंबर, सोमवार को रखा जाएगा। इस पावन दिन भगवान विष्णु को प्रिय भोग अर्पित करने से जीवन के सभी कार्य सफल होते हैं और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जानें पंचामृत, दूध, तिल, केला, तुलसी और गुड़-चना दाल के भोग का महत्व, साथ ही सफला एकादशी की पूजा विधि और धार्मिक लाभ, जिससे घर में सुख-समृद्धि और धनवृद्धि बनी रहती है।
सफला एकादशी 2025: भगवान विष्णु को प्रिय भोग, मिलेगा सुख-समृद्धि का वरदान
Saphala Ekadashi 2025 Bhog:
पौष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से जीवन में सफलता मिलती है और सौभाग्य बढ़ता है। मान्यता है कि सही विधि से पूजा करने पर श्रीहरि के साथ मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस वर्ष 15 दिसंबर 2025, सोमवार को सफला एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
सफला एकादशी का धार्मिक महत्व
सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी प्रयास सफल होते हैं। घर में खुशहाली आती है और पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन भगवान विष्णु को प्रिय भोग अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है।
पंचामृत अर्पित करें
भगवान विष्णु को पंचामृत अत्यंत प्रिय है। दूध, घी, शहद, शक्कर और सूखे मेवों से बना पंचामृत चढ़ाने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
दूध का भोग लगाएं
सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को दूध अर्पित करने से मन शांत रहता है और मानसिक व शारीरिक कष्ट दूर होते हैं। यह उपाय चंद्र दोष को भी शांत करता है।
तिल से बना प्रसाद चढ़ाएं
तिल का भोग भगवान विष्णु को अर्पित करने से पापों से मुक्ति मिलती है। तिल के लड्डू या तिल से बने व्यंजन भोग में शामिल करें।
केले का भोग दें
भगवान विष्णु को केला बहुत प्रिय है। केले का भोग चढ़ाने से धन, वैभव और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
तुलसी के पत्ते अनिवार्य
भोग चढ़ाते समय तुलसी के पत्ते जरूर रखें। बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते।
गुड़ और चने की दाल का भोग
यदि अन्य भोग न बना सकें, तो गुड़ और चने की दाल अर्पित करें। यह सरल भोग भी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है और इससे भक्त पर उनकी कृपा बनी रहती है।