Maa Mundeshwari Mandir history: माँ मुंडेश्वरी मंदिर: दुनिया का सबसे पुराना जीवित मंदिर! अब भी होता है रोज़ पूजा

Maa Mundeshwari Mandir history: भभुआ, बिहार में स्थित माँ मुंडेश्वरी मंदिर को विश्व का सबसे प्राचीन जीवित मंदिर माना जाता है। जानिए मंदिर का इतिहास, देवी की विशेषता, कैसे पहुँचे, आरती का समय और यात्रा से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी।;

Update: 2025-06-19 16:40 GMT

Mundeshwari temple bhabhua Bihar: माँ मुंडेश्वरी मंदिर भारत के बिहार राज्य के कैमूर ज़िले (भभुआ) में स्थित एक अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर देवी दुर्गा के शक्ति रूप "माँ मुंडेश्वरी" को समर्पित है और यह विश्व के सबसे प्राचीन जीवित (सतत पूजा हो रही) मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर विंध्य पर्वत श्रृंखला की एक पहाड़ी पर समुद्र तल से लगभग 600 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।

*इतिहास एवं महत्व*

• माँ मुंडेश्वरी मंदिर का इतिहास लगभग 108 ईस्वी से भी पहले का माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर कुणिंद वंश या नाग वंश के समय में बना था। मंदिर की स्थापत्य कला गुप्त कालीन प्रतीत होती है।

• यह मंदिर हिन्दू धर्म में शक्ति उपासना का एक प्रमुख केंद्र है और यहाँ माँ दुर्गा के साथ भगवान शिव, गणेश, विष्णु और सूर्य देव की भी पूजा होती है।

• मंदिर के गर्भगृह में स्थापित अष्टभुजी माँ दुर्गा की मूर्ति, राक्षस मुंडासुर का वध करते हुए दर्शाई गई है, इसी कारण इन्हें 'माँ मुंडेश्वरी' कहा जाता है।

*कैसे पहुँचें ?*

रेल मार्ग :-

नज़दीकी रेलवे स्टेशन भभुआ रोड (मोहनिया) है, जो दिल्ली–हावड़ा रेल मार्ग पर स्थित है। यहाँ से मंदिर की दूरी लगभग 22 किमी है।

सड़क मार्ग :-

भभुआ, सासाराम, वाराणसी और पटना से यहाँ के लिए नियमित बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।

हवाई मार्ग :-

निकटतम हवाई अड्डा वाराणसी एयरपोर्ट (लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) है, जो मंदिर से लगभग 110 किमी दूर है।

पहाड़ी पर चढ़ाई -

मंदिर तक जाने के लिए पहले सीढ़ियों से चढ़ना होता था, लेकिन अब एक पक्की सड़क और रोड-वे (सड़क वाहन सेवा) उपलब्ध है। कुछ तीर्थयात्री आज भी श्रद्धा से सीढ़ियों द्वारा चढ़ाई करना पसंद करते हैं।

*मंदिर का समय*

खुलने का समय : सुबह 5:00 बजे

बंद होने का समय : शाम 8:00 बजे

आरती का समय :-

प्रातः आरती : सुबह 6:00 बजे

संध्या आरती : शाम 6:30 बजे

*धार्मिक आयोजन और मेलें*

- नवरात्रि के समय यहाँ विशाल मेले और विशेष पूजा-अनुष्ठान होते हैं।

- यहाँ पूरे वर्ष श्रद्धालु आते हैं, लेकिन नवरात्रि में भक्तों की संख्या लाखों में होती है।

माँ मुंडेश्वरी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, इतिहास और आस्था का एक अद्वितीय प्रतीक है। यदि आप बिहार में किसी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थल की यात्रा करना चाहते हैं, तो माँ मुंडेश्वरी मंदिर अवश्य जाएँ। यहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा, प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहर आपको एक विशेष अनुभव प्रदान करेगी।

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