Durgiana Temple Amritsar: अमृतसर का रजत मंदिर: दुर्गियाना मंदिर की वो रहस्यमयी बातें जो हर भक्त को जाननी चाहिए!
Durgiana Temple Amritsar: अमृतसर स्थित दुर्गियाना मंदिर, जिसे रजत मंदिर भी कहा जाता है, देवी दुर्गा को समर्पित है। जानिए मंदिर का इतिहास, वास्तुकला, धार्मिक मान्यताएं और यात्रा की पूरी जानकारी।;
Durgiana Temple Amritsar: उत्तर भारत के पंजाब राज्य का पवित्र शहर अमृतसर हर क्षेत्र में खास है। इसी शहर में हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थान श्री दुर्गियाना मंदिर है। दुर्गियाना मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर और शीतला माता मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या लाखों तक पहुंच जाती है।
*मंदिर की वास्तुकला और स्वरूप :*
मंदिर का नाम हिंदू धर्म की पूजनीय देवी दुर्गा माता के नाम पर रखा गया है। मंदिर में प्रवेश करते हैं माता की अखंड ज्योति प्रज्वलित है। मंदिर में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति विराजित है। मंदिर में कई अन्य छोटे-छोटे मंदिर हैं जो अन्य देवी देवताओं को समर्पित है।
*मंदिर की प्रमुख विशेषताएं :*
० स्वर्ण मंदिर के तर्ज पर बना यह मंदिर।
० मंदिर सरोवर के बीचो-बीच स्थित है।
० सरोवर का माप 160 × 130 मीटर है।
० मंदिर के गुंबद पर सोने की परत है।
० चांदी से बने है मंदिर के दरवाज़े।
० अमृतसर का रजत मंदिर भी कहा जाता है।
० मंदिर के निर्माण में संगमरमर के पत्थरों का भी प्रयोग किया गया है।
० कांगड़ा शैली में निर्मित है यह पवित्र मंदिर।
० शीशे से किया गया अद्भुत कार्य मंदिर को और आकर्षित बनाता है।
*मंदिर का निर्माण :*
मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध विचारक श्री गुरु हरसहाय मल कपूर के द्वारा करवाया गया था। इस पवित्र मंदिर की नींव 1925 में भारत रत्न एवं समाज सुधारक पंडित मदन मोहन मालवीय ने रखी थी।
*धार्मिक मान्यता:*
धार्मिक मान्यता के अनुसार यह माना जाता है कि यह वही स्थान है जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम अश्वमेध यज्ञ करने के लिए पधारे थे। महर्षि वाल्मीकि जी का आश्रम भी मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है जहां भगवान श्री राम के पुत्र लव और कुश ने अपना बचपन बिताया था।
*मंदिर खुलने का समय :*
इस पवित्र मंदिर खुलने का समय सुबह 6:00 से रात्रि 10:00 बजे तक है जिसके दौरान श्रद्धालु मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर सकते हैं और दर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
*मंदिर में मनाए जाने वाले प्रमुख उत्सव :*
मंदिर में लगभग सभी हिंदू पर्व बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं। लोगों में बहुत ही उत्साह और हर्षोल्लास देखने को मिलता है। दशहरा, दिवाली, रामनवमी, जन्माष्टमी पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक बढ़ जाती है। खास पर्व के दौरान मंदिर को फूलों से और रोशनी से सजाया जाता है।
*बड़ा हनुमान जी मंदिर :*
मंदिर परिसर के अंदर ही बड़े हनुमान जी का मंदिर स्थापित है जहां साल में एक बार दशहरा के दौरान 10 दिनों तक लंगूर मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में माता-पिता अपने बच्चों को लंगूर के रूप में तैयार करवा के लाते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी की प्रतिमा यहां पर स्वयं प्रकट हुई थी।
*कैसे पहुंचे श्री दुर्गियाना मंदिर:*
० *निकटतम हवाई अड्डा :* पवित्र मंदिर पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। जिसकी दूरी मंदिर से लगभग 11 किलोमीटर है।
० *निकटतम रेलवे स्टेशन :* मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अमृतसर है। मंदिर से स्टेशन की दूरी मात्र 700 मीटर है।
० *सड़क मार्ग :* मंदिर अमृतसर शहर के गोल बाग में स्थित है जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। श्रद्धालु अपनी निजी वाहनों का भी उपयोग कर सकते हैं।