Dev surya Mandir Aurangabad : भारत का इकलौता पश्चिममुखी सूर्य मंदिर! जानिए देव सूर्य मंदिर का रहस्य और छठ पूजा की अद्भुत परंपरा
dev surya mandir aurangabad: देव सूर्य मंदिर, बिहार के औरंगाबाद जिले के देव नामक स्थान पर स्थित एक ऐतिहासिक व धार्मिक मंदिर है, जो सूर्य भगवान को समर्पित है।;
Dev Surya Mandir Aurangabad: देव सूर्य मंदिर, बिहार के औरंगाबाद जिले के देव नामक स्थान पर स्थित एक ऐतिहासिक व धार्मिक मंदिर है, जो सूर्य भगवान को समर्पित है। यह मंदिर न केवल अपने धार्मिक महत्त्व के लिए, बल्कि अपनी अनूठी वास्तुकला, इतिहास और सूर्योपासना की परंपरा के लिए भी प्रसिद्ध है। विशेष रूप से छठ महापर्व के दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं।
*स्थान और पहुँचने का मार्ग*
पता : देव गाँव, औरंगाबाद ज़िला, बिहार
निकटतम शहर : औरंगाबाद – लगभग 12 किमी दूर
- रेल मार्ग :
• देव हॉल्ट रेलवे स्टेशन – मंदिर से लगभग 6 किमी दूर
• औरंगाबाद रेलवे स्टेशन – प्रमुख स्टेशन, मंदिर से लगभग 12 किमी दूर
- सड़क मार्ग :
• औरंगाबाद शहर से नियमित बस, ऑटो और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
• पाटलिपुत्र, गया, और पटना से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
-हवाई मार्ग :
• गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा – लगभग 70 किमी
• पटना हवाई अड्डा – लगभग 180 किमी दूर
*ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्त्व*
यह मंदिर गुप्त काल (5वीं-6वीं शताब्दी) का बताया जाता है।मंदिर की वास्तुकला में नागरा, द्रविड़ और वेसर शैली का सुंदर मिश्रण है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने इस मंदिर को एक ही रात में बनाया था। यह मंदिर पश्चिम दिशा की ओर मुख वाला है, जो भारतीय सूर्य मंदिरों में दुर्लभ है (अधिकतर मंदिर पूर्वमुखी होते हैं)। स्थानीय मान्यता के अनुसार, यह स्थान शक्तिशाली तांत्रिक शक्तियों से मुक्त किया गया था और तब से यह सूर्य पूजा का पवित्र स्थल बना।
*वास्तुशिल्प विशेषता*
• मंदिर ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर से बना हुआ है।
• मुख्य गर्भगृह में सूर्य देवता की विशाल मूर्ति स्थापित है।
• ऊपर सोने से मढ़ा हुआ कलश (गोल्डन टॉप) है, जो दूर से चमकता है।
• मंदिर परिसर में कई छोटे मंदिर, यज्ञशाला और एक सूर्य कुण्ड है, जिसमें श्रद्धालु स्नान कर पूजा करते हैं।
*मंदिर का समय*
खुलने का समय : सुबह: 4:30 बजे से रात: 9:00 बजे तक
आरती और पूजा का समय : मुख्य आरती प्रातः 7:30 बजे
*मुख्य पर्व – छठ पूजा*
• छठ पूजा इस मंदिर की पहचान है।
• यह पर्व अक्तूबर–नवंबर में कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है।
• लाखों श्रद्धालु सूर्यास्त और सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के लिए यहाँ आते हैं।
• चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में महिलाएँ उपवास, स्नान, और व्रत रखकर सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
• यहाँ की छठ पूजा पूरे बिहार राज्य में सबसे भव्य मानी जाती है।
*परिसर के अन्य स्थल*
1. सूर्य कुण्ड – जहाँ श्रद्धालु स्नान कर पूजा करते हैं।
2. देव कुंड – एक पवित्र जल स्रोत
3. उमगा सूर्य मंदिर – पास ही स्थित दूसरा सूर्य मंदिर
4. बाबा सिद्धनाथ मंदिर – पहाड़ी पर स्थित शिव मंदिर
*महत्वपूर्ण सुझाव*
• छठ पर्व के समय भारी भीड़ होती है – पूर्व योजना आवश्यक है
• सरल और श्रद्धालु वेशभूषा पहनें
• मंदिर परिसर में साफ़-सफ़ाई बनाए रखें
• पानी की बोतल, सनस्क्रीन, टोपी साथ रखें
देव सूर्य मंदिर न केवल एक धार्मिक केंद्र है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी है। इसकी अनूठी वास्तुकला, पश्चिममुखी दिशा और छठ पर्व के भव्य आयोजन इसे भारत के सबसे विशिष्ट सूर्य मंदिरों में स्थान दिलाते हैं।