Budhanath Mandir Bhagalpur: भागलपुर का बुढ़ानाथ मंदिर: जहाँ स्वयं प्रकट हुए शिव! जानिए इस रहस्यमय धाम की महिमा
Budhanath Mandir Bhagalpur: बुढ़ानाथ मंदिर, भागलपुर में स्थित एक पौराणिक शिव धाम है, जहाँ स्वयंभू शिवलिंग की पूजा होती है। जानिए मंदिर का इतिहास, दर्शन समय, धार्मिक मान्यताएँ और कैसे पहुँचें — श्रद्धालुओं के लिए सम्पूर्ण गाइड।;
Budhanath Mandir Bhagalpur: बुढ़ानाथ मंदिर, जिसे बाबा वृद्धेश्वरनाथ मंदिर भी कहा जाता है, बिहार के भागलपुर ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध और पौराणिक शिव मंदिर है। यह मंदिर भागलपुर शहर के गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है और हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पूजनीय स्थल है। इसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है और यह मंदिर कई आध्यात्मिक कथाओं एवं किवंदंतियों से जुड़ा हुआ है।
*इतिहास*
बुढ़ानाथ मंदिर का इतिहास हजारों वर्षों पुराना बताया जाता है। इसे "स्वयंभू शिवलिंग" का मंदिर माना जाता है, अर्थात् यहाँ स्थापित शिवलिंग को किसी मानव ने स्थापित नहीं किया, बल्कि वह स्वयं प्रकट हुआ है। ऐसा विश्वास है कि भगवान शिव स्वयं यहाँ प्रकट हुए थे और इस स्थान को उन्होंने तपस्या के लिए चुना था। इस मंदिर का उल्लेख शिव पुराण में "बाबा बयल वृद्धेश्वरनाथ" के रूप में हुआ है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, यह मंदिर त्रेता युग से अस्तित्व में है और यहाँ भगवान राम एवं माता सीता ने भी पूजा-अर्चना की थी। यह मंदिर गंगा नदी के उत्तरवाहिनी तट पर स्थित है, जहाँ गंगा दक्षिण से उत्तर दिशा में बहती है, जो पवित्र स्थानों की विशेषता मानी जाती है।
*मंदिर की विशेषताएँ*
1. मुख्य गर्भगृह में एक विशाल शिवलिंग स्थित है जो श्रद्धालुओं द्वारा जल, बेलपत्र, दूध आदि से अभिषेक हेतु प्रिय है।
2. मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है, जिसमें शिखर बहुत ऊँचा और कलात्मक बना हुआ है।
3. मंदिर के चारों ओर शांति और आध्यात्मिक वातावरण मिलता है।
4. सावन महीने में लाखों श्रद्धालु यहाँ बाबा का जलाभिषेक करने आते हैं।
5. महाशिवरात्रि, श्रावण मास, कवांर महोत्सव, और सोमवारी विशेष दिन माने जाते हैं।
*मंदिर खुलने का समय*
प्रातःकाल : 5:00 बजे से
रात्रि : 10:00 बजे तक
आरती : सुबह 6 बजे और संध्या को 7 बजे
*कैसे जाएँ ?*
रेल मार्ग से :-
भागलपुर जंक्शन से मंदिर की दूरी लगभग 1.5-2 कि.मी. है।
सड़क मार्ग से :-
भागलपुर शहर बिहार के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है — जैसे पटना, मुंगेर, देवघर आदि।
हवाई मार्ग से :-
निकटतम हवाई अड्डा देवघर एयरपोर्ट है (लगभग 130–140 कि.मी.)।
पटना एयरपोर्ट (लगभग 220 कि.मी.) से भी सड़क या रेल द्वारा भागलपुर पहुँचा जा सकता है।
*घूमने का सर्वोत्तम समय*
• अक्टूबर से मार्च का समय यहाँ आने के लिए सबसे उत्तम होता है, क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना होता है।
• श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) और महाशिवरात्रि (फरवरी-मार्च) के समय लाखों भक्त यहाँ विशेष पूजा हेतु आते हैं।
*पूजा विधि एवं मान्यताएँ*
- भक्त शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र, चंदन, भस्म आदि चढ़ाते हैं।
- मनोकामना पूर्ण होने के बाद पुनः दर्शन हेतु भक्तजन यहाँ लौटकर शिव अभिषेक करते हैं।
- सोमवार के दिन विशेष पूजन का महत्व होता है।
*निकटवर्ती दर्शनीय स्थल*
1. अजगैबीनाथ मंदिर, सुलतानगंज (शिव का एक और प्रसिद्ध मंदिर)
2. कुप्पाघाट आश्रम, महार्षि मेंहीं का ध्यानस्थल
3. विक्रमशिला विश्वविद्यालय, प्राचीन बौद्ध शिक्षा केन्द्र
4. गंगा किनारे नौकाविहार और सुंदर घाट
बुढ़ानाथ मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं है, बल्कि यह श्रद्धा, इतिहास और आत्मिक शांति का केंद्र है। यदि आप भागलपुर की यात्रा पर हैं या शिव भक्त हैं, तो इस मंदिर का दर्शन अवश्य करें। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।