Vinayak Chaturthi 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, भद्रा काल और महत्व
मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी 2025 आज मनाई जा रही है। जानें चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त, भद्रा काल, गणेश पूजा का समय और इस व्रत का धार्मिक महत्व।

Vinayak Chaturthi 2025: आज मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, भद्रा काल और महत्व
आज मनाई जा रही है मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी
मार्गशीर्ष माह हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। शास्त्रों में इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय महीनों में गिना गया है। भगवद्गीता में श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं— “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”, यानी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस महीने में किए गए व्रत, पूजा और धार्मिक कार्यों का विशेष फल प्राप्त होता है।
इसी शुभ माह में आज 24 नवंबर को विनायक चतुर्थी मनाई जा रही है, जिसे ‘मासिक गणेश चतुर्थी’ भी कहा जाता है। मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी पर इस वर्ष दो शुभ योग बनने से इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।
विनायक चतुर्थी तिथि — कब से कब तक?
वैदिक पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 23 नवंबर 2025 की शाम 7:25 बजे हुई थी और इसका समापन 24 नवंबर 2025 की रात 9:21 बजे होगा। उदयातिथि के आधार पर विनायक चतुर्थी का व्रत आज 24 नवंबर को ही किया जा रहा है।
गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त
विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ समय सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:11 बजे तक रहेगा। इस अवधि में पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होने का विश्वास है। भक्त इस मुहूर्त में व्रत, पूजा और गणपति आराधना कर सकते हैं।
भद्रा काल का समय, पूजा पर असर नहीं
आज सुबह 08:26 से रात 09:21 तक भद्रा काल रहेगा। हालांकि पंचांग के अनुसार भद्रा का वास पाताल लोक में होगा, इसलिए पूजा-पाठ पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। भक्तगण शुभ मुहूर्त में निर्भय होकर गणेश जी की आराधना कर सकते हैं।
विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व
हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है, बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। भक्तों का विश्वास है कि इस दिन की गई प्रार्थना मनोकामनाओं को पूर्ण करती है और जीवन में शुभ फल देती है।

