Safalta ke Mantra: जीवन में होना चाहते हैं सफल तो जान लें हनुमान जी की ये अहम बात, वरना…

हनुमान जी को कलियुग का साक्षात देव माना जाता है और कहा जाता है कि जहां भी राम चर्चा होती है अथवा रामभक्तों पर अत्याचार होता है, वहां भक्त शिरोमणि समय से पहले ही पहुंच जाते हैं और रामचर्चा का रसपान करते हैं और साथ ही जहां जहां राम भक्तों पर अत्याचार होता है, वहां जाकर हनुमान जी उनकी रक्षा करते हैं। वहीं हनुमान जी ने मानव जीवन को सार्थक करने के बारे में भी कई बातें बताई हैं। जो भी व्यक्ति हनुमान जी की बातों का अपने जीवन में अनुसरण करता है, वह कभी भी असफल नहीं होता है। बल्कि जीवन में सभी सुख-साधनों का भोग करता है। तो आइए जानते हैं हनुमान जी के द्वारा जीवन को सफल करने के बारे में बताई गई प्रमुख बात…
हनुमान जी के बारे में एक कथा प्रचलित है कि प्राचीन काल में वानरों की सेना के साथ जब हनुमान जी माता सीता की खोज में पर्वत, वन और कंदराओं में भटक रहे थे और उसके पश्चात गिद्धराज संपाति से माता सीता के बारे में जब उन्होंने ये जान लिया कि माता सीता लंकापति रावण की कैद में अशोक वाटिका में हैं तो वे विशाल समुद्र को लांघ कर लंका के लिए प्रस्थान कर गए। इस दौरान मार्ग में मैनाक पर्वत ने हनुमान जी से विनती की कि आप थक गए और आप मेरे ऊपर थोड़ी देर ठहर कर विश्राम कर लीजिए। तो इस पर हनुमान जी ने मैनाक पर्वत से कहा कि हे पर्वतराज ‘राम काज कीन्हें बिनु मोही कहां विश्राम’अर्थात मैं अपने प्रभु श्रीराम के काज से लंका जा रहा हूं और उनका कार्य किए बिना मुझे विश्राम नहीं करना चाहिए। इसीलिए जीवन में जो भी कार्य जरुरी हैं, उन्हें कभी नहीं टालना चाहिए, उन कार्यों को समय पर पूरा करना चाहिए। जो भी व्यक्ति अपने जीवन को भगवान की कृपा मानकर और जीवन के सभी कार्य भगवान के कार्य मानकर करता है, भगवान उसे कभी निराश नहीं करते हैं और उसे जीवन के सभी सुख और ऐश्वर्य अनायास ही प्रदान कर देते हैं।