रविवार को सूर्य स्तोत्र और सूर्य रक्षा कवच का पाठ करें: तरक्की, करियर ग्रोथ और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाएँ
रविवार सूर्यदेव की आराधना का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य स्तोत्र, सूर्य रक्षा कवच और सूर्य मंत्रों का पाठ करने से करियर और व्यापार में उन्नति, मान–सम्मान, आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ती है। सूर्य रक्षा कवच कठिनाइयों व नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा देता है, जबकि सूर्य स्तोत्र जीवन में सफलता, शांति और सकारात्मकता लाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रविवार को इन स्तोत्रों का पाठ करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है और तरक्की के नए मार्ग खुलते हैं।

रविवार को जरूर करें सूर्य स्तोत्र और सूर्य रक्षा कवच का पाठ, बढ़ेगी तरक्की और चमकेगा करियर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा, व्रत और मंत्र-जाप करने से जीवन में सफलता, मान-सम्मान, अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, रविवार को सूर्य स्तोत्र और सूर्य रक्षा कवच का पाठ करना बेहद शुभ माना गया है। माना जाता है कि इनका पाठ करने से करियर और कारोबार में तरक्की मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
सूर्य स्तोत्र और रक्षा कवच का महत्व
कहा जाता है कि सूर्य रक्षा कवच का पाठ व्यक्ति को हर तरह की कठिनाइयों और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा देता है। वहीं सूर्य स्तोत्र में वर्णित सूर्यदेव के विशेष नाम जीवन में ऊर्जा, आत्मविश्वास और सफलता बढ़ाने वाले माने जाते हैं।
रविवार को सूर्य मंत्र जप करने से घर-परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनता है और सकारात्मकता बढ़ती है।
सूर्य रक्षा कवच (Surya Raksha Kavach Lyrics in Hindi)
श्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्।
शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्॥1॥
देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम्।
ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत्॥2॥
शिरों में भास्कर: पातु ललाट मेडमित दुति:।
नेत्रे दिनमणि: पातु श्रवणे वासरेश्वर:॥3॥
घ्राणं धर्मं धृणि: पातु वदनं वेद वाहन:।
जिव्हां में मानद: पातु कण्ठं में सुर वन्दित:॥4॥
सूर्य रक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्ज पत्रके।
दधाति य: करे तस्य वशगा: सर्व सिद्धय:॥5॥
सुस्नातो यो जपेत् सम्यग्योधिते स्वस्थ: मानस:।
सरोग मुक्तो दीर्घायु सुखं पुष्टिं च विदंति॥6॥
सूर्य स्तोत्र (Surya Stotra Lyrics in Hindi)
विकर्तनो विवस्वांश्च मार्तण्डो भास्करो रविः।
लोक प्रकाशकः श्री मांल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः॥
लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिस्रहा।
तपनस्तापनश्चैव शुचिः सप्ताश्ववाहनः॥
गभस्तिहस्तो ब्रह्मा च सर्वदेवनमस्कृतः।
एकविंशतिरित्येष स्तव इष्टः सदा रवेः॥
सूर्यदेव के मंत्र (Surya Dev Mantra)
ॐ सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्याय नमः
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ हृां हृीं सः सूर्याय नमः
रविवार को इन स्तोत्रों, कवच और मंत्रों का पाठ करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि इससे करियर-कारोबार चमकता है, मन शांत रहता है और जीवन में उन्नति के नए रास्ते खुलते हैं।

