2026 में लगेंगे कुल 4 ग्रहण! जानें पहला सूर्य और चंद्र ग्रहण कब पड़ेगा? देखें पूरी तारीखें

2026 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे—2 सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण। जानें पहला सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब पड़ेगा, कहाँ दिखाई देगा और सूतक मान्य होगा या नहीं।

2026 में लगेंगे कुल 4 ग्रहण! जानें पहला सूर्य और चंद्र ग्रहण कब पड़ेगा? देखें पूरी तारीखें
X

2026 में लगेंगे कुल 4 ग्रहण! जानें पहला सूर्य और चंद्र ग्रहण कब पड़ेगा? देखें पूरी लिस्ट

हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। खगोलीय दृष्टि से ग्रहण तब लगता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। इसी योग के दौरान सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण बनते हैं।

ग्रहण के समय धार्मिक गतिविधियाँ कुछ समय के लिए रोकी जाती हैं और कई जगहों पर मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।

साल 2026 में कुल 4 ग्रहण लगने वाले हैं—

✔ 2 सूर्य ग्रहण

✔ 2 चंद्र ग्रहण

नीचे जानें 2026 के सभी ग्रहणों की पूरी तारीखें और उनके दिखाई देने के स्थान।

2026 में सूर्य ग्रहण कब लगेंगे? (Surya Grahan 2026)

द्रिक पंचांग में दिए गए विवरण के अनुसार 2026 में दो सूर्य ग्रहण पड़ेंगे।

पहला सूर्य ग्रहण — 17 फरवरी 2026

प्रकार: वलयाकार सूर्य ग्रहण

समय: दोपहर 3:26 बजे से

भारत में दृश्यता: भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।

कहाँ दिखाई देगा:

दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे, मॉरीशस, मोज़ाम्बिक, अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिका के कुछ क्षेत्रों में।

दूसरा सूर्य ग्रहण — 12 अगस्त 2026

प्रकार: पूर्ण सूर्य ग्रहण

समय: रात 9:04 बजे से

भारत में दृश्यता: भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा।

कहाँ दिखाई देगा:

स्पेन, रूस, आइसलैंड, ग्रीनलैंड, आर्कटिक, पुर्तगाल और आसपास के क्षेत्रों में।

2026 में चंद्र ग्रहण कब लगेंगे? (Chandra Grahan 2026)

साल 2026 में दो चंद्र ग्रहण लगेंगे।

पहला चंद्र ग्रहण — 3 मार्च 2026

समय: शाम 6:22 बजे से

प्रकार: खंडग्रास (आंशिक चंद्र ग्रहण)

अवधि: लगभग 1 घंटा 31 मिनट

भारत में दृश्यता: भारत में दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल मान्य होगा।

कहाँ दिखाई देगा:

भारत सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में।

दूसरा चंद्र ग्रहण — 28 अगस्त 2026

प्रकार: चंद्र ग्रहण

भारत में दृश्यता: भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए सूतक मान्य नहीं होगा।

कहाँ दिखाई देगा:

यूरोप, पश्चिम एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका और अटलांटिक-हिंद महासागर क्षेत्रों में।

Tags:
Next Story
Share it