Akshya Tritya Kya Hota Hai | अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है | अक्षय तृतीया कब मनाई जाती है | Totake

Akshya Tritya Kya Hota hai
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Akshaya tritiya kya hota hai: आज अक्षय तृतीया है। सबसे पहले हमें यह जानना चाहिए कि "अक्षय तृतीया" होता क्या है। "तृतीया" का मतलब है शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि, और "अक्षय" का अर्थ है — जिसका कभी क्षय न हो।

तो क्या हर शुक्ल पक्ष की तृतीया को "अक्षय तृतीया" कहा जाएगा? नहीं — केवल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही अक्षय तृतीया कहा जाता है।


इसका कारण यह है: इस दिन सूर्य मेष राशि में उच्च के होते हैं और चंद्रमा वृषभ राशि में उच्च के होते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक और चंद्रमा को मन का कारक माना गया है।इसलिए वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है।

महत्वपूर्ण:

आज के दिन ही सतयुग और त्रेतायुग की भी शुरुआत हुई थी, इसलिए यह तिथि और भी विशेष मानी जाती है।


पुराणों में वर्णित है कि आज के दिन जो भी शुभ कार्य, जप, तप, दान या पूजा की जाती है — उसका फल अक्षय रहता है, यानी उसका कभी क्षय नहीं होता।

इसीलिए लोग इस दिन:

• सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदते हैं,

• अन्न आदि का दान करते हैं,

• नए कार्य की शुरुआत करते हैं।

लेकिन हमारे गुरुदेव K N Rao Ji कहते हैं कि हमें ऐसे कार्य करने चाहिए जिनका क्षय न हो और जो हमारे साथ मृत्यु के बाद भी चले जाएं।

ऐसे कौन-से कार्य हैं?

दान, पुण्य, भगवान की पूजा, जप और साधना।

इस दिन आप:

• विष्णु सहस्रनाम का जाप करें,

• श्रीमद्भगवद्गीता का एक अध्याय पढ़ें,

• गरीबों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।


Anil Kumar Singh गुरुजी ने बताया था कि कलियुग में केवल चार ही उपाय हैं, जो हमारे आदि गुरु शंकराचार्य ने बताए हैं:

गेयं गीता नाम सहस्रं,

ध्येयं श्रीपति रूपमजस्रम्।

नेयं सज्जनसङ्गे चित्तं,

देयं दीनजनाय च वित्तम्॥

अर्थ:

गीता और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें,

भगवान श्रीहरि के रूप का निरंतर ध्यान करें,

सज्जनों की संगति में मन लगाएं,

और दीन-दुखियों को धन का दान करें।


Akshaya Tritiya 2025 : अक्षय तृतीया कब है, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Akshaya Tritiya 2025 : बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया, आक्खा तीज और अक्षय तीज आदि कई नामों से जाना जाता है। हिंदू सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग की मानें तो अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त होता है और इस दिन बिना किसी रोक-टोक के विवाह आदि संस्कार संपन्न कराए जा सकते हैं। ज्योतिष की मानें तो अक्षय तीज के दिन किए गए सभी कार्याें का कई गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होता है। अक्षय तीज के दिन वाहन, जमीन, सोना-चांदी आदि खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। वहीं अक्षय तीज के दिन कुछ चीजों का दान करने से आपके सुख-सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है। तो आइए जानते हैं साल 2025 में अक्षय तृतीया की सही तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में...

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त 2025

तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अप्रैल, 2025 को शाम 5:31 मिनट से

तृतीया तिथि समापन: 30 अप्रैल, 2025 को दोपहर 2:12 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 58 मिनट तक

पूजा का समय: 30 अप्रैल, 2025 को सुबह 5:41 से दोपहर 12:18 बजे तक

विजय मुहूर्त : दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन

गोधूलि मुहूर्त : शाम 06 बजकर 55 मिनट से 07 बजकर 16 मिनट तक

अबूझ मुहूर्त: अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त माना जाता है, यानी इस दिन शुभ कार्य करने के लिए किसी भी शुभ मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है।

अक्षय तृतीया महत्व

अक्षय तृतीया के दिन दान का बहुत विशेष महत्व होता है। इस दिन दान करने से आपके भौतिक सुखों में वृद्धि होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने से आपके घर में महालक्ष्मी जी का वास बना रहता है और पूरे वर्ष भर आपके पास धन की कोई कमी नहीं होती है।

वहीं पौराणिक काल में अक्षय तीज के दिन ही भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। भगवान परशुराम को विष्णु जी का छठा अवतार माना जाता है।

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