2 दिसंबर 2025 पंचांग: जानिए आज का शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, राहुकाल और व्रत-त्योहार
2 दिसंबर 2025 के लिए पंचांग देखें — जानिए आज कौन सी तिथि है, नक्षत्र-योग-करण क्या हैं, सूर्य-चंद्र राशि की स्थिति, शुभ मुहूर्त, राहुकाल, व्रत या त्योहार आदि। अगर आप पूजा, यात्रा, कारोबार या किसी महत्वपूर्ण काम की योजना बना रहे हैं, तो ये पंचांग-जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित हो सकती है। इस लेख में हम आपके लिए पढ़ लाए हैं 2 दिसंबर 2025 का संपूर्ण पंचांग (तिथि, नक्षत्र, करण, योग, व्रत-त्योहार, शुभ/अशुभ मुहूर्त, राहुकाल) — जिससे आपका दिन सुगम और शुभ हो।

2 दिसंबर 2025 का पंचांग, शुभ मुहूर्त, तिथि, नक्षत्र और व्रत
2 दिसंबर 2025 मंगलवार का दिन है — मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि से शुरू होकर त्रयोदशी तिथि में परिवर्तित हो रही है। यदि आप आज कोई शुभ कार्य, पूजा, यात्रा या धार्मिक अनुष्ठान करना चाहते हैं, तो आज का पंचांग आपके लिए मार्गदर्शक साबित होगा। इस लेख में हमने 2 दिसंबर 2025 का संपूर्ण पंचांग — तिथि, नक्षत्र, योग‑करण, सूर्योदय‑सूर्यास्त, शुभ/अशुभ मुहूर्त, व्रत‑त्यौहार व अन्य महत्वपूर्ण विवरण शामिल किए हैं।
आज का दिन: मंगलवार, 2 दिसंबर 2025
जानें इस दिन का पंचांग, शुभ और अशुभ मुहूर्त, तिथि, नक्षत्र, व्रत और धार्मिक महत्व।
आज की तिथि और वार
तिथि: द्वादशी (शुक्ल पक्ष) – 3:57 PM तक, उसके बाद त्रयोदशी
वार: मंगलवार
सूर्योदय: 06:57 AM
सूर्यास्त: 05:24 PM
चंद्र राशि: मेष
सूर्य राशि: वृश्चिक
नक्षत्र, करण और योग
नक्षत्र:
अश्विनी – दिन की शुरुआत से 08:51 PM तक
भरणी – 08:51 PM के बाद
करण:
बव (Balava) – सुबह से 03:57 PM तक
कौवल (Kaulava) – त्रयोदशी तक
योग:
वरीयान (Variyan) – दिनभर
परिघ (Parigha) – रात में
शुभ और अशुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: 11:50 AM – 12:31 PM
अमृत काल: 02:23 PM – 03:49 PM
विजय मुहूर्त: 01:55 PM – 02:37 PM
अशुभ मुहूर्त:
राहु काल: 02:47 PM – 04:06 PM
यमगण्ड: 09:34 AM – 10:52 AM
गुलिक काल: 12:11 PM – 01:29 PM
दुर्मुहूर्त: 09:03 AM – 09:44 AM, रात 10:49 PM – 11:44 PM
आज का व्रत और त्योहार
मत्स्य द्वादशी व्रत (Matsya Dwadashi) – भगवान विष्णु को समर्पित व्रत।
भौम प्रदोष व्रत (Bhauma Pradosh Vrat) – इस दिन का विशेष महत्व।
धार्मिक दृष्टि से आज व्रत, पूजा और दान करना बहुत शुभ माना गया है।
आज का उपाय
भगवान हनुमान या विष्णु जी की पूजा करें।
सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
“ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें।
जरूरतमंद को भोजन या वस्त्र का दान करें।

