वरूथनी एकादशी कल, कर लें ये उपाय तो भगवान विष्णु होंगे प्रसन्न
वहीं वरूथनी एकादशी का व्रत इस बार 24 अप्रैल, दिन बृहस्पतिवार को है। वहीं इसका पारण शुक्रवार को सूर्योदय से 08:08 के मध्य किया जाएगा।

बैशाख मास की कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरूथनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी सभी एकादशी तिथियों की तरह ही महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। वरूथनी एकादशी के दिन भी भगवान श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इस एकादशी के दिन व्रत करने से भगवान नारायण की कृपा प्राप्त होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि वरूथनी एकादशी के दिन व्रत करने से भगवान श्रीहरि अपने भक्तों की संकटों से रक्षा करते हैं। वरूथनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा करने का भी विधान माना जाता है। शात्रों की मानें तो इस दिन भगवान के वराह रूप की पूजा करने से सकल मनोरथ पूर्ण होते हैं और भगवान नारायण प्रसन्न होते हैं।
वरूथनी एकादशी व्रत और पारण मुहूर्त
वहीं वरूथनी एकादशी का व्रत इस बार 24 अप्रैल, दिन बृहस्पतिवार को है। वहीं इसका पारण शुक्रवार को सूर्योदय से 08:08 के मध्य किया जाएगा।
वरूथनी एकादशी उपाय
वरूथनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए आप केओ, पपीते और पीली वस्तुओं का दान करें। वहीं इस दिन आप अगर मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप पीली कौड़ी का दान कर सकते हैं। वहीं इस दिन आप भगवान विष्णु का अगर केसर और गुलाब जल से टीका करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
वरूथनी एकादशी भी अन्य एकादशी की तरह ही भगवान विष्णु को अधिक प्रिय है। कहा जाता है कि इस दिन नदी अथवा सराेवर में स्नान करके यदि आप व्रत का संकल्प लेकर व्रत को पूर्ण विधि पूर्वक संपन्न करते हैं तो भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी जी की कृपा से आपको सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही आपका सोया हुआ भाग्य जाग्रत होता है और आपको संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
बैशाख मास की कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरूथनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी सभी एकादशी तिथियों की तरह ही महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। वरूथनी एकादशी के दिन भी भगवान श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इस एकादशी के दिन व्रत करने से भगवान नारायण की कृपा प्राप्त होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि वरूथनी एकादशी के दिन व्रत करने से भगवान श्रीहरि अपने भक्तों की संकटों से रक्षा करते हैं। वरूथनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा करने का भी विधान माना जाता है। शात्रों की मानें तो इस दिन भगवान के वराह रूप की पूजा करने से सकल मनोरथ पूर्ण होते हैं और भगवान नारायण प्रसन्न होते हैं।
वरूथनी एकादशी व्रत और पारण मुहूर्त
वहीं वरूथनी एकादशी का व्रत इस बार 24 अप्रैल, दिन बृहस्पतिवार को है। वहीं इसका पारण शुक्रवार को सूर्योदय से 08:08 के मध्य किया जाएगा।
वरूथनी एकादशी उपाय
वरूथनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए आप केओ, पपीते और पीली वस्तुओं का दान करें। वहीं इस दिन आप अगर मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप पीली कौड़ी का दान कर सकते हैं। वहीं इस दिन आप भगवान विष्णु का अगर केसर और गुलाब जल से टीका करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
वरूथनी एकादशी भी अन्य एकादशी की तरह ही भगवान विष्णु को अधिक प्रिय है। कहा जाता है कि इस दिन नदी अथवा सराेवर में स्नान करके यदि आप व्रत का संकल्प लेकर व्रत को पूर्ण विधि पूर्वक संपन्न करते हैं तो भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी जी की कृपा से आपको सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही आपका सोया हुआ भाग्य जाग्रत होता है और आपको संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होती है।