अम्बे तू है जगदंबे काली आरती

मां काली, शक्ति और पराक्रम की देवी हैं, जिन्हें समय और मृत्यु की अधिष्ठात्री भी माना जाता है। वे बुराई का नाश कर सच्चाई की स्थापना करती हैं। मां काली की उपासना विशेष रूप से शक्ति आराधना के समय की जाती है जैसे कि नवरात्रि, काली पूजा, अमावस्या, और अन्य पावन अवसरों पर।

अम्बे तू है जगदंबे काली आरती
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अम्बे तू है जगदंबे काली आरती

मां काली की आरती का महत्व

मां काली, शक्ति और पराक्रम की देवी हैं, जिन्हें समय और मृत्यु की अधिष्ठात्री भी माना जाता है। वे बुराई का नाश कर सच्चाई की स्थापना करती हैं। मां काली की उपासना विशेष रूप से शक्ति आराधना के समय की जाती है जैसे कि नवरात्रि, काली पूजा, अमावस्या, और अन्य पावन अवसरों पर।

"अम्बे तू है जगदंबे काली" आरती मां काली को समर्पित एक अत्यंत प्रसिद्ध और लोकप्रिय आरती है, जो भक्तों द्वारा बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ गाई जाती है। इस आरती के माध्यम से भक्त मां से आशीर्वाद, रक्षा और मार्गदर्शन की प्रार्थना करते हैं।

अम्बे तू है जगदंबे काली - आरती के बोल

आरती

अम्बे तू है जगदंबे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली।

तेरा ही रूप है सर्वत्र,

तेरी महिमा सबसे निराली॥

मां तुझे पुकारे भक्त जन,

दुःख हरती तू रखवाली।

तेरा जाप करे जो नर,

कभी न होता उसका माली॥

शेर सवारी तुझको शोभे,

मुण्डमाल तन पे डाली।

तेरे हाथ खड्ग और त्रिशूल,

जैसे हो काली महाकाली॥

दुष्ट दलन कर उनका नाश,

करती हर बला निराली।

रक्तबीज भी तुझसे काँपे,

तू है माया की रखवाली॥

आरती करे जो भक्ति भाव,

मनवांछित फल वह पाली।

'जय माँ' कहे जो भक्त तेरा,

उसका जीवन हो खुशहाली॥

मां काली की आरती कब और कैसे करें?

समय: मां काली की आरती अमावस्या, नवरात्रि, या रात्रि के समय विशेष फलदायक मानी जाती है।

स्थान: मंदिर, घर, या पूजा स्थान पर दीप जलाकर आरती करें।

सामग्री: दीपक, अगरबत्ती, पुष्प, नैवेद्य, और शुद्ध जल का प्रयोग करें।

भावना: सच्चे मन और श्रद्धा से मां का स्मरण करते हुए आरती करें।

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