Vaishno Devi Yatra Guide: वैष्णो देवी यात्रा 2025: जानिए रहस्यमयी गुफा, पौराणिक कथा और दर्शन की पूरी जानकारी!

Vaishno Devi Yatra Guide: वैष्णो देवी मंदिर यात्रा 2025 की संपूर्ण जानकारी! पढ़ें माता की पौराणिक कथा, गुफा का रहस्य, यात्रा पर्ची, पहुंचने का रास्ता और दर्शन का सर्वोत्तम समय। जानिए क्यों है यह मंदिर इतना खास।

Vaishno Devi Yatra Guide: वैष्णो देवी यात्रा 2025: जानिए रहस्यमयी गुफा, पौराणिक कथा और दर्शन की पूरी जानकारी!
X

Vaishno Devi Yatra Guide: वैष्णो देवी मंदिर भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में त्रिकुटा नामक पहाड़ियों में स्थित हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। माता वैष्णो देवी मंदिर पहुंचने की यात्रा कटरा से शुरू होती है जिसकी दूरी जम्मू से लगभग 50 किलोमीटर है। समुद्र तल से करीब 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह एक प्रसिद्ध गुफा मंदिर है। यह पवित्र मंदिर माता वैष्णो देवी को समर्पित है जिनको महाकाली, महालक्ष्मी और महा सरस्वती का रूप माना जाता है।

*मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा:*

श्री वैष्णो माता से जुड़ी एक पौराणिक कथा काफी प्रचलित है जो कि उनके भक्त श्रीधर से जुड़ी है। इस कथा के अनुसार माता का एक परम भक्त रहा करता था जिसका नाम श्रीधर था और वह नि: संतान था। संतान न होने का दुख उसको हमेशा विचलित करता था इसीलिए उसने एक दिन नवरात्रि पूजन पर कुंवारी कन्याओं को बुलवाया।

उस‌ दिन उन कुंवारी कन्याओं में से एक स्वयं मां वैष्णो देवी कन्या रूप में उनके बीच पहुंची थी। कन्या पूजन खत्म होने के बाद माता ने श्रीधर को कहा की गांव में सब को अपने घर भंडारे पर निमंत्रण पहुंचवा दो।

श्रीधर को पहले कुछ समझ नहीं आया क्योंकि वह गरीब इंसान था और वह पूरे गांव को भोज कैसे खिला सकता था। वह बार-बार यही सोचे जा रहा था।

परंतु कन्या पर विश्वास कर उसने आसपास के लोगों को भंडारे पर आने का न्योता दिया। माता के भक्त श्रीधर ने गुरु गोरखनाथ और उनके शिष्य बाबा भैरवनाथ को भी भोजन पर निमंत्रण दिया था।

मां वैष्णो देवी स्वयं सबको भोजन परोस रही थी। जैसे ही वह बाबा भैरवनाथ के पास गई तो उसने माता से सात्विक भोजन की जगह पर मांस और मंदिरा की मांग की। माता के लाख मनाने के बाद भी भैरव नहीं माना। और वह उस कन्या को पकड़ने की चेष्टा में उसके पीछे-पीछे भागने लगा।

मां वैष्णो देवी ने इसी गुफा के सामने भैरवनाथ का संहार किया था और उसका सिर काटकर भवन से 8 किलोमीटर दूर त्रिकूट की पर्वत पर भैरव घाटी में गिरा दिया था। तब से वह स्थान भैरवनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। इसी गुफा में माता ने नौ महीना तक तप भी किया था।

*मंदिर की खास विशेषताएं:*

० मां वैष्णो देवी की पवित्र गुफा समुद्र तट से 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

० माता के मंदिर की यात्रा कटरा से प्रारंभ होती है जहां से श्रद्धालुओं को निशुल्क यात्रा पर्ची मिलती है।

० माता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 14 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है।

० यात्रा के लिए आप पैदल चलकर या फिर हेलीकॉप्टर, पिट्ठू, इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

० इस पवित्र गुफा में माता तीन पिंडियों के रूप में विराजित है मां काली (दाएं) मां सरस्वती (बाएं) और मां लक्ष्मी पिंड (मध्य)।

० यहां हर साल हजारों किलो सोने चांदी के आभूषण माता को चढ़ाए जाते हैं। यह मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।

० माता ने इसी पवित्र गुफा में 9 महीना तक तपस्या की थी।

*खास पर्व एवं त्योहार:*

साल घर श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए और दर्शन प्राप्त करने के लिए आते हैं परंतु नवरात्रि के समय यहां का अलग ही नजारा होता है। नवरात्रि के समय माता के भवन को बहुत ही सुंदर रूप से सजाया जाता है। भक्तों में एक अलग प्रकार का जोश होता है और भवन तक का पूरा रास्ता सकारात्मक ध्वनियों और माता के जयकारों से गूंज जाता है।

*मंदिर कैसे पहुंचे :*

० *हवाई मार्ग :* श्री माता वैष्णो देवी मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जम्मू में है जो लगभग 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देश के अनेक महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई, श्रीनगर से जम्मू के लिए रोजाना तौर पर हवाई जहाजे़ उड़ान भरती हैं।

० *रेल मार्ग :* श्री माता वैष्णो देवी मंदिर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कटरा है। कटरा जम्मू राज्य के अन्य शहरों और महानगरों से रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा है।

० *सड़क मार्ग :* राजमार्ग से नजदीक होने के कारण श्रद्धालुओं द्वारा सीधा कटरा पहुंचा जा सकता है। साथ ही कटरा पहुंचने के लिए श्रद्धालु अपनी निजी गाड़ियों या टैक्सी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

*मंदिर पहुंचने का सबसे अच्छा समय:*

श्री वैष्णो माता के दर्शन करने के लिए यात्रा के दौरान काफी चलना पड़ सकता है जो की गर्मियों में उतना आरामदायक नहीं है। साथ ही मानसून के सीजन में अधिक वर्षा से यात्रा में समाधान आ सकते हैं और भूस्खलन जैसी आपदाओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

इसीलिए कटरा में माता के यात्रा के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। नवंबर से मार्च तक का महीना सबसे अच्छा रहता है इस वक्त यहां का मौसम ठंडा रहता है जिससे चढ़ाई में ज्यादा परेशानी नहीं होती।

*रहने की व्यवस्था:*

कटरा में श्रद्धालुओं को रुकने के लिए किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। कटरा में रहने के लिए बहुत सारे साधन उपलब्ध होते हैं जो की श्राइन बोर्ड आवास द्वारा उपलब्ध होते हैं। साथ ही शहर के मुख्य स्थान पर आपको अलग-अलग तरह के होटल और धर्मशालाएं मिल जाएगी।

साथ ही साथ यहां पर निशुल्क आवास के विकल्प भी उपलब्ध होते हैं। डॉरमेट्री और किराए के रूम में रुकने के लिए श्रद्धालुओं को पहले से बुकिंग करवानी पड़ती है।

*भवन में उपलब्ध सेवाएं:*

जो श्रद्धालु भवन में देर रात पहुंचते हैं और सुबह-सुबह माता के दर्शन करने के लिए रात में वहां रुकते हैं उनके लिए भवन में कंबल उपलब्ध कराए जाते हैं जिसके लिए उनको किराया देना पड़ता है।

साथ ही यात्रा के बीच में हर थोड़े थोड़े समय पर श्रद्धालुओं के लिए कुछ खाने पीने की दुकान भी हैं जिससे किसी को थकान ना हो और यात्रा अधिक आरामदायक हो पाए। रास्ते में लोगों के बैठने के लिए भी स्थान है और आपके वहां पीने के पानी की व्यवस्था भी देखने को मिलेगी।

*यात्रा पर्ची पंजीकरण:*

अगर आप भी श्री माता वैष्णो देवी धाम की यात्रा का सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि यात्रा पर्ची सबसे महत्वपूर्ण बात है। कोई भी श्रद्धालु बिना यात्रा पर्ची के यात्रा नहीं कर सकता है।

कटरा में अलग-अलग स्थान पर चेक पोस्ट बनाए गए हैं जहां यात्रा पर्चियां मिलती हैं। यह यात्रा पर्ची मुफ्त होती है। आपको अपनी सभी जानकारी प्रदान करके यह यात्रा पर्ची आसानी से मिल सकती है।

*अन्य दर्शनीय स्थल:*

० शिवखोड़ी

० नौ देवी मंदिर

० बाबा जित्तो मंदिर

० बाबा धनसर

० देवा माई मंदिर

वैष्णो देवी मंदिर हिंदू धर्म के मुख्य धार्मिक तीर्थस्थलों में से एक है। मंदिर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालू देश विदेश से यहाँ आते है।

Next Story
Share it