Tripura Sundari Mandir: त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के बारे में जानकारी पश्चिम बंगाल

त्रिपुरा सुंदरी मंदिर (बोराल, गारिया)
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, पश्चिम बंगाल के दक्षिण कोलकाता क्षेत्र के गारिया में स्थित एक पवित्र शक्तिपीठ है, जो देवी दुर्गा के त्रिपुरा सुंदरी रूप को समर्पित है। यह मंदिर “बोराल” गाँव में स्थित है, जो कोलकाता महानगर के बाहरी हिस्से में आता है। इस मंदिर की महत्ता न केवल धार्मिक दृष्टि से है, बल्कि यह बंगाल की लोक संस्कृति और शक्ति साधना की परंपरा से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।
मन्दिर का इतिहास
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का निर्माण लगभग 300 वर्ष पूर्व हुआ माना जाता है। यह मंदिर देवी त्रिपुरा सुंदरी की शक्ति उपासना के लिए जाना जाता है, जो दस महाविद्याओं में से एक हैं। माना जाता है कि यह स्थान एक शक्तिपीठ भी है, जहाँ सती के दाएँ पैर की अंगुली गिरी थी।
इस स्थान को सिद्ध स्थल भी माना जाता है। मान्यता है कि तांत्रिकों और साधकों ने यहाँ वर्षों तक साधना की थी और आज भी नवरात्रि जैसे पर्वों में यह मंदिर तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है।
दर्शन समय
मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन खुला रहता है। सामान्य दर्शन के समय इस प्रकार हैं :
प्रातःकाल : 6:00 AM – 11:30 AM
सायंकाल : 4:30 PM – 8:00 PM
• विशेष पर्वों जैसे दुर्गा अष्टमी, नवमी, काली पूजा व अमावस्या की रातों में यह मंदिर रात्रि तक खुला रहता है।
यात्रा मार्ग (कैसे पहुँचें ?)
स्थान: बोराल, गारिया, दक्षिण कोलकाता, पश्चिम बंगाल
रेल मार्ग :
निकटतम स्टेशन : न्यू गारिया / गारिया स्टेशन (EM Bypass के पास)
स्टेशन से ऑटो, रिक्शा या लोकल टैक्सी से बोराल मंदिर पहुँचा जा सकता है (लगभग 3–4 किमी)
मेट्रो मार्ग :
निकटतम मेट्रो स्टेशन : कवि सुभाष (न्यू गरिया) मेट्रो स्टेशन
सड़क मार्ग :
कोलकाता शहर के किसी भी कोने से गारिया के लिए बस, टैक्सी या ओला/उबर सुविधा उपलब्ध है ।
EM Bypass से होकर मंदिर तक पहुँचा जा सकता है ।
आरती और पूजा विधि
- माँ की आरती प्रतिदिन सुबह और शाम होती है ।
- भक्तजन विशेष रूप से शुक्रवार और अमावस्या के दिन माँ को लाल साड़ी, सिंदूर, चूड़ी और नारियल अर्पित करते हैं ।
- नवरात्रि, दुर्गा पूजा और काली पूजा के समय विशेष महायज्ञ और तांत्रिक अनुष्ठान होते हैं ।
आरती समय
- प्रातः आरती : लगभग 7:00 AM
- सायंकाल आरती : लगभग 6:30 PM
अनुभव की एक झलक
मंदिर का गर्भगृह अत्यंत शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है। माँ त्रिपुरा सुंदरी की प्रतिमा लाल रंग की पोशाक में सजी होती है, और उनका तेजस्वी स्वरूप साधकों को शक्ति और सौंदर्य दोनों का अनुभव कराता है।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर (बोराल) केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह बंगाल की शक्ति साधना परंपरा का एक जीवंत प्रमाण है। यहाँ की दिव्यता, माँ की उपस्थिति का अनुभव और आध्यात्मिक शांति, हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय होती है।