Surya mandir ranchi travel guide: जहाँ भगवान श्रीराम ने खुद की थी सूर्य देव की पूजा! जानिए झारखंड के रहस्यमयी सूर्य मंदिर का पूरा इतिहास
Surya mandir ranchi travel guide: झारखंड राज्य प्राकृतिक सुंदरता के साथ ऐतिहासिक स्थलों की भूमि रहा है। झारखंड में स्थित प्राचीन एवं विशाल मंदिर अपने धार्मिक ऐतिहासिक महत्वों के साथ-साथ अपनी वास्तुकला के लिए देश विदेश में जाने जाते आए हैं।

Surya mandir ranchi travel guide: झारखंड राज्य प्राकृतिक सुंदरता के साथ ऐतिहासिक स्थलों की भूमि रहा है। झारखंड में स्थित प्राचीन एवं विशाल मंदिर अपने धार्मिक ऐतिहासिक महत्वों के साथ-साथ अपनी वास्तुकला के लिए देश विदेश में जाने जाते आए हैं। एक ऐसा ही अद्भुत मंदिर है सूर्य मंदिर जो झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां स्वयं भगवान श्री राम ने सूर्य देव की उपासना की थी। यह मंदिर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को शांत और सुकून वातावरण प्रदान करता है।
तो आईए जानते हैं इस लेख के माध्यम से झारखंड के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के बारे में। यह मंदिर कहाँ है? मंदिर से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं और पौराणिक कथाएं क्या कहती हैं? मंदिर में कौन-कौन से त्योहार हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं?
सूर्य मंदिर कहां है?
झारखंड का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर राज्य के राजधानी रांची से महज़ 40 किलोमीटर की दूरी पर रांची टाटा मार्ग के बुंडू के पास स्थित एदेलहातु गाँव में स्थित है। यह मंदिर विशेष रूप से सूर्य भगवान को समर्पित है। मंदिर के ठीक सामने एक बड़ा तालाब है जहां श्रद्धालु सूर्य भगवान की उपासना करने से पहले स्नान करते हैं।
सूर्य मंदिर वास्तुकला
इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण एक विशाल रथ के रूप में किया गया है जिसमें सात घोड़ो के साथ अठारह पहिये हैं। सफेद मार्बल से बना यह खूबसूरत मंदिर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। मंदिर के अंदर सूर्य भगवान के साथ भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्तियां भी विराजमान है।
सूर्य मंदिर का समय
यह प्रसिद्ध मंदिर दर्शनार्थियों के लिए प्रातः 9:00 से शाम 5:00 बजे तक खुलता है। आप इस समय मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
सूर्य मंदिर का इतिहास
इस विशाल और खूबसूरत मंदिर का इतिहास सालों पुराना माना जाता है और लोगों द्वारा रामायण काल से भी जोड़ा जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के दौरान बुंडू आए थे और इसी स्थान पर अपने कुल देवता सूर्य देव की पूजा अर्चना की थी। उसी समय मंदिर का निर्माण करवाया गया था।
सूर्य मंदिर का निर्माण
सफेद संगमरमर के पत्थर से निर्मित यह मंदिर रांची के एक रांची एक्सप्रेस समूह के प्रबंध निदेशक शरीरात सीताराम मारू की अध्यक्षता में किया गया था। आपको बता दें कि इस मंदिर की आधारशिला 24 अक्टूबर 1991 में स्वामी श्री वासुदेवानंद सरस्वती द्वारा रखी गई थी। तब जाकर 10 जुलाई सन 1994 में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।
मंदिर प्रांगण में वार्षिक मेला
मंदिर में प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को मेला कमेटी के द्वारा वार्षिक मेला का आयोजन किया जाता है। जिसमें क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज के लाखों लोग मेला देखने पहुंचते हैं। मेले में हर वर्ग के लोगों के लिए कई मनोरंजक और आकर्षक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही बच्चों के लिए झूले, खिलौने और खाने-पीने का इंतजाम किया जाता है। इस विशाल वार्षिक मेले में काफी भीड़ एकत्र होती है।
छठ पर्व
हिंदू धर्म के लोगों के लिए छठ महापर्व धार्मिक महत्व रखता है। जिसमें भगवान सूर्य के उगने के साथ-साथ ढलते सूर्य की भी विशेष पूजा की जाती है। इस त्यौहार के दौरान मंदिर का माहौल काफी भक्तिमय रहता है। पूजा से पूर्व ही मंदिर की विशेष रूप से साफ सफाई की जाती है और मंदिर को सजाया जाता है। इस दिन सभी व्रतधारी स्नान के पश्चात सूर्य देव की उपासना करते हैं। इन्हीं कारणों से सूर्य मंदिर झारखंड के प्रमुख आध्यात्मिक केंद्रों में से एक है।
सूर्य मंदिर कैसे पहुंचे
- हवाई मार्ग: मंदिर पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा रांची हवाई अड्डा है।
- रेल मार्ग: जो भी भक्त मंदिर के दर्शन करने के लिए रेल मार्ग द्वारा पहुंचना चाहते हैं, उनके लिए निकटतम रेलवे स्टेशन रांची रेलवे स्टेशन है जो आसपास के कई मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग: जमशेदपुर रोड पर स्थित होने के कारण आने वाले लोगों के लिए सड़क मार्ग भी एक अच्छा विकल्प है। वह आसानी से बस, टैक्सी या निजी वाहन द्वारा यहां पहुंच सकते हैं।