राजरानी मंदिर, भुवनेश्वर
राजरानी मंदिर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित एक प्राचीन और भव्य मंदिर है। यह मंदिर मुख्य रूप से अपनी उत्कृष्ट स्थापत्य कला, लाल और सुनहरे रंग के बलुआ पत्थर (जिसे 'राजरानी' कहा जाता है) और सुंदर मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है।

राजरानी मंदिर, भुवनेश्वर
राजरानी मंदिर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित एक प्राचीन और भव्य मंदिर है। यह मंदिर मुख्य रूप से अपनी उत्कृष्ट स्थापत्य कला, लाल और सुनहरे रंग के बलुआ पत्थर (जिसे 'राजरानी' कहा जाता है) और सुंदर मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को "प्रेम मंदिर" भी कहा जाता है क्योंकि इसकी दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियां प्रेम, सौंदर्य और भावनाओं को दर्शाती हैं।
इतिहास
राजरानी मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। इसे सोमवंशी राजाओं द्वारा बनवाया गया माना जाता है, हालांकि इसका कोई समर्पण विशेष देवता को नहीं मिला है। मंदिर में न तो कोई मूर्ति है और न ही गर्भगृह में पूजा होती है, जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि यह कभी शैव मंदिर रहा होगा। इसकी वास्तुकला नागर शैली की है, जो ओडिशा की पारंपरिक मंदिर निर्माण शैली का एक विशिष्ट उदाहरण है।
मंदिर की विशेषताएं
- मंदिर में नंदी की प्रतिमा नहीं है, जिससे यह भिन्न प्रतीत होता है।
- दीवारों पर सुंदर नारी मूर्तियां, मिथुन युगल, देव-देवियों की कलात्मक आकृतियाँ खुदी हुई हैं।
- इसकी संरचना एक विशाल शिखर और एक मुख्य मंडप में विभाजित है।
- इसके चारों ओर हरे-भरे बाग हैं, जिससे यह पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल बन जाता है।
दर्शन समय
प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक
यह मंदिर सप्ताह के सभी दिन खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क :-
भारतीय नागरिक : ₹15
विदेशी नागरिक : ₹200
यात्रा मार्ग
स्थान : राजरानी मंदिर, ओल्ड टाउन, भुवनेश्वर, ओडिशा
- रेल मार्ग: भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से मंदिर लगभग 6 किमी दूर है।
- वायु मार्ग: बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से मंदिर 4 किमी दूर है।
- सड़क मार्ग: भुवनेश्वर शहर से किसी भी ऑटो, टैक्सी या बस के माध्यम से मंदिर आसानी से पहुँचा जा सकता है।
आरती और पूजा विवरण
राजरानी मंदिर में नियमित पूजा या आरती नहीं होती क्योंकि यह एक कार्यशील मंदिर नहीं है, बल्कि एक पुरातात्विक स्थल है। इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित किया गया है।
राजरानी संगीत महोत्सव :
राजरानी मंदिर परिसर में प्रतिवर्ष "राजरानी संगीत महोत्सव" आयोजित किया जाता है, जिसमें भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञ भाग लेते हैं। यह सांस्कृतिक उत्सव भारत की संगीत परंपरा को जीवंत करता है।
राजरानी मंदिर न केवल ओडिशा की प्राचीन वास्तुकला का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐसा स्थल है जहाँ इतिहास, कला और संस्कृति एक साथ मिलती हैं। यदि आप भुवनेश्वर की यात्रा कर रहे हैं, तो राजरानी मंदिर अवश्य देखें – यह आपको शांति, सौंदर्य और भारतीय स्थापत्य की महानता का अनुभव कराएगा।