Ragunath Temple Jammu: जम्मू का रघुनाथ मंदिर: जहाँ सोने से जड़े दीवारों में छिपा है भगवान राम का इतिहास!

Ragunath Temple Jammu: जम्मू के रघुनाथ मंदिर में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की काले-सफेद संगमरमर की मूर्तियाँ विराजमान हैं। 1835 में बना यह मंदिर सोने की परतों, चारों धाम के दर्शन और आतंकी हमलों के बावजूद अटूट आस्था का प्रतीक है। जानिए इसका इतिहास, आकर्षण और कैसे पहुँचें।

Ragunath Temple Jammu: जम्मू का रघुनाथ मंदिर: जहाँ सोने से जड़े दीवारों में छिपा है भगवान राम का इतिहास!
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Ragunath Temple Jammu: धरती की जन्नत जम्मू कश्मीर की पहचान से प्रख्यात रघुनाथ मंदिर हिंदू धर्म के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम को समर्पित यह मंदिर देश-विदेश से हजारों लाखों की संख्या में तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करता है। 33 करोड़ देवी देवताओं के दर्शन के लिए दूर दराज के कोनों से लोग मंदिर के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

*रघुनाथ मंदिर :* भगवान राम को समर्पित रघुनाथ मंदिर जम्मू कश्मीर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर तवी नदी के उत्तर में 1150 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर गर्भ ग्रह में भगवान राम के साथ-साथ माता सीता और भ्राता लक्ष्मण की मूर्ति भी विराजमान है। भगवान श्री राम की मूर्ति काले संगमरमर से निर्मित है वहीं दूसरी तरफ माता सीता तथा लक्ष्मण की मूर्ति का निर्माण श्वेत संगमरमर से किया गया है।

*मंदिर का इतिहास और महत्व :*

रघुनाथ मंदिर का निर्माण सन 1835 ईस्वी में डोगरा वंश के शासक राजा गुलाब सिंह द्वारा करवाया गया था परंतु मंदिर अपने पूर्ण स्वरूप में सन 1860 ईस्वी में महाराजा गुलाब सिंह के पुत्र राजा रणवीर सिंह के कार्यकाल में आया था।

*रघुनाथ मंदिर के निर्माण से जुड़ा किस्सा :*

लोगों द्वारा यह कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने की प्रेरणा श्री रामदास वैरागी द्वारा महाराज गुलाब सिंह को मिली थी। दरअसल वैरागी ने गुलाब सिंह के राजा बनने की भविष्यवाणी की थी जो बाद में सच निकली। जिससे आश्चर्यचकित होकर महाराज गुलाब सिंह ने इस मंदिर की रचना करवाई थी।

यह भी कहा जाता है कि श्री रामदास वैरागी भगवान राम के परम भक्तों में से एक थे। और भगवान राम के आदर्शों के प्रचार के उद्देश्य से अयोध्या से जम्मू गए थे।

*मंदिर की प्रमुख विशेषताएं:*

० यह मंदिर भारत के कई अनोखे मंदिरों में से एक है।

० रघुनाथ मंदिर परिसर के अंदर अन्य छोटे साथ हिंदू मंदिर शामिल हैं जहां अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है। परंतु यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान राम को समर्पित है।

० मंदिर परिसर के अंदर तीन तरफ की दीवारों में सोने की परतें लगी हुई है।

० मंदिर के दीवारों को सूर्य एवं शिव सहित प्रतिको और‌ चित्रो से सजाया गया है जो आने वाले भक्तों को आकर्षित करता है।

० मंदिर के अंदर रामायण, महाभारत, भगवत गीता और अन्य हिंदू महाकाव्य को चित्रों के माध्यम से सरल रूप से समझाया गया है।

० मंदिर के अंदर एक कमरे में एक साथ चारों धाम के दर्शन किए जा सकते हैं।

*मंदिर खुलने का समय :*

भक्तों के दर्शन के लिए रघुनाथ मंदिर के कपाट सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक खुलते हैं।

*आतंकवादी हमला :*

वर्ष 2002 में रघुनाथ मंदिर पर दो बार आतंकवादी हमले किए गए थे। जिसके बाद मंदिर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। हमले के कई सालों बाद जब मंदिर के कपाट खुले तब भी श्रद्धालुओं की उतनी ही भीड़ थी। इससे यह साबित होता है कि इस आतंकवादी हमले से लोगों के मन में जो विश्वास और आस्था है उसमें कोई कमी नहीं आई।

*मंदिर कैसे पहुंचे :*

० *रेल मार्ग:* रघुनाथ मंदिर पहुंचने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन या उधमपुर रेलवे स्टेशन है। यहां से मंदिर की दूरी लगभग 6 से 7 किलोमीटर है।

० *हवाई मार्ग:* मंदिर पहुंचने के लिए सबसे निकटतम हवाई अड्डा जम्मू हवाई अड्डा है जो मंदिर से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

० *सड़क मार्ग:* आसपास के प्रमुख शहरों से जम्मू के लिए सीधी बसों का संचालन किया जाता है। राज्य परिवहन की बसों द्वारा भी मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। या श्रद्धालु अपनी निजी गाड़ियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

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