Pahadi mandir ranchi travel guide: देश का इकलौता मंदिर जहाँ हर 15 अगस्त पर फहरता है तिरंगा! जानिए पहाड़ी मंदिर रांची का 55,000 साल पुराना रहस्य

Pahadi mandir ranchi travel guide: झारखंड की राजधानी रांची में स्थित पहाड़ी मंदिर राज्य के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। पहाड़ी मंदिर को रांची पहाड़ी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है जिसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व सभी को आकर्षित करता है।

Pahadi mandir ranchi travel guide: देश का इकलौता मंदिर जहाँ हर 15 अगस्त पर फहरता है तिरंगा! जानिए पहाड़ी मंदिर रांची का 55,000 साल पुराना रहस्य
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Pahadi mandir ranchi travel guide: झारखंड की राजधानी रांची में स्थित पहाड़ी मंदिर राज्य के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। पहाड़ी मंदिर को रांची पहाड़ी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है जिसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व सभी को आकर्षित करता है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर शहर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहाड़ की चोटी पर स्थित होने के कारण इस मंदिर का नाम पहाड़ी मंदिर पड़ा।

यह मंदिर यहां आने वाले पर्यटकों को न केवल आध्यात्म का एहसास कराती है परंतु अपने इतिहास से जोड़े रखने का कार्य करती हैं। पहाड़ की चोटी पर स्थित होने के कारण इस मंदिर से पूरे शहर को देखा जा सकता है और पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता से मोहित हो सकते हैं।

तो आइए इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इस मंदिर की पूरी जानकारी दे। कि यह मंदिर कहाँ है? कौन से भगवान को समर्पित है? मंदिर की क्या खासियत है? मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से कैसे जुड़ा हुआ है?

पहाड़ी मंदिर कहां है?

पहाड़ी मंदिर जिसको रांची पहाड़ी मंदिर नाम से भी जाना जाता है झारखंड राज्य के राजधानी रांची के मुख्य शहर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर स्थित है। जहां से पूरे शहर का सुंदर नजारा देखने को मिलता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

अपने प्राचीन धार्मिक महत्व के कारण दूर-दूर से श्रद्धालु महाशिवरात्रि सावन माह और अन्य प्रमुख त्योहारों के अवसर पर मंदिर के दर्शन करने आते हैं।

नाग देवता का स्थल:

पहाड़ी मंदिर में स्थित नाग देवता के स्थल का इतिहास लगभग 55 हज़ार साल पुराना बताया जाता है। दूर-दूर से श्रद्धालु नाग देवता की पूजा अर्चना करने के लिए यहां एकत्र होते हैं। मंदिर में नाग बाबा की दर्शन के लिए गुफा भी है जिसके दर्शन करने के बाद ही श्रद्धालु पहाड़ी बाबा के दर्शन करने के लिए आगे बढ़ते हैं।

मंदिर के नाग देवता आसपास के नागवंशियों के कुल देवता माने जाते हैं।

पहाड़ी मंदिर की विशेषता:

आपको बता दें की पहाड़ी मंदिर की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 350 फीट ऊंची है। मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 450 से अधिक सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है। जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक भावना की अनुभूति कराती है।

पहाड़ी मंदिर समय:

पहाड़ी मंदिर के द्वार भक्तों के लिए सुबह 4:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुले रहते हैं। मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है।

पहाड़ी मंदिर में प्रमुख आयोजन:

महाशिवरात्रि और श्रावणी मेला के समय पहाड़ी मंदिर में बैजनाथ धाम के जैसे ही शिव भक्तों का ताँता लगा रहता है। इस मंदिर में आसपास के जिलों से भी लोग शिवजी पर जल चढ़ाने आते हैं। और रात भर यहां की सड़कें महादेव के नारों से गूंजती प्रतीत होती हैं। महाशिवरात्रि और श्रावणी मेला के दौरान मंदिर में पहाड़ी बाबा को ताज़े और सुंदर फूलों से सजाया जाता है।

दिसंबर के महीने में हर साल मंदिर में वार्षिक महोत्सव मनाया जाता है। इस महोत्सव के दौरान भी बाबा के दर्शन करने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस दिन बाबा का श्रृंगार किया जाता है, उनको सजाया जाता है और छप्पन भोग भी चढ़ाया जाता है।

पहाड़ी मंदिर से संबंधित रोचक तथ्य:

झारखंड की राजधानी में स्थित पहाड़ी मंदिर देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां 15 अगस्त 1947 से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों के याद में ध्वजारोहण किया जाता है। देश के स्वतंत्र होने के बाद रांची में सबसे पहला तिरंगा यही फहराया गया था।

आपको बता दें की पहाड़ी मंदिर स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों के कैद में था। इसी पवित्र स्थान पर पहले के समय में अंग्रेजों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी जाती थी। मंदिर में मौजूद बरगद का पेड़ आज भी उस प्राचीन और ऐतिहासिक कहानियों की गवाही देता है।

पहाड़ी मंदिर कैसे पहुंचे?

  • हवाई मार्ग: पहाड़ी मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा रांची में स्थित बिरसा मुंडा हवाई अड्डा है। जो मंदिर से लगभग 7 से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डा से मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं के पास कई साधन उपलब्ध होते हैं।
  • रेल मार्ग: पहाड़ी मंदिर की यात्रा के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन रांची रेलवे स्टेशन है जो देश के विभिन्न प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
  • सड़क मार्ग: मंदिर की यात्रा के लिए सड़क मार्ग भी एक उचित विकल्प हो सकता है। रांची शहर के मुख्य मार्ग अन्य शहरों से अच्छी सड़कों द्वारा जुड़े हुए हैं।
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