मंगला गौरी मंदिर गया: शक्तिपीठ का इतिहास, मान्यता, पूजा विधि और दर्शन जानकारी
Mangla Gauri Temple Gaya: मंगला गौरी मंदिर, बिहार के गया शहर में स्थित एक अत्यंत पावन शक्तिपीठ है। यह मंदिर माता सती को समर्पित है, जिनकी छाती (स्तन) यहाँ गिरी थी।

Mangla Gauri Temple Gaya: मंगला गौरी मंदिर, बिहार के गया शहर में स्थित एक अत्यंत पावन शक्तिपीठ है। यह मंदिर माता सती को समर्पित है, जिनकी छाती (स्तन) यहाँ गिरी थी। हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान स्तन पीठ के रूप में जाना जाता है और इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इस स्थान को देवी पार्वती के सौंदर्य, मातृत्व और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
पौराणिक मान्यता
मां सती ने जब अपने पिता दक्ष के यज्ञ में भगवान शिव का अपमान सहन न कर पाने के कारण आत्मदाह किया, तब भगवान शिव ने उनका मृत शरीर कंधे पर उठा लिया और तांडव करने लगे। तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े किए ताकि शिव के तांडव को रोका जा सके। जिन-जिन स्थानों पर सती के अंग गिरे, वे शक्तिपीठ कहलाए। मंगला गौरी मंदिर वही स्थान है जहाँ माता का स्तन गिरा था, इसलिए इसे मातृत्व और करुणा का प्रतीक माना जाता है।
मंदिर का वास्तु और वातावरण
मंदिर गया शहर के दक्षिणी भाग में स्थित है और एक पहाड़ी पर बसा हुआ है। इसे प्राचीन काल में ही बनवाया गया था और इसका उल्लेख कई पुराणों में भी मिलता है, विशेषकर अग्नि पुराण और पद्म पुराण में।
यहाँ की मूर्ति लाल पत्थर की बनी हुई है और देवी को चार भुजाओं में दर्शाया गया है। उनके हाथों में कमल, चक्र, अभय मुद्रा और वर मुद्रा होती है। मंदिर का प्रांगण शांत, दिव्य और भक्तिमय वातावरण से परिपूर्ण होता है।
कैसे पहुँचे
- हवाई मार्ग :
निकटतम हवाई अड्डा : गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा - मंदिर से लगभग 10-12 किमी की दूरी पर है ।
- रेल मार्ग :
निकटतम रेलवे स्टेशन : गया जंक्शन – लगभग 4 किमी की दूरी पर है ।
- सड़क मार्ग :
गया शहर बिहार के अन्य हिस्सों जैसे पटना (100 किमी), नालंदा, राजगीर आदि से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है।
टैक्सी, ऑटो और स्थानीय बस सेवाएं मंदिर तक उपलब्ध हैं।
आवश्यक जानकारी
खुलने का समय : सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक
विशेष पर्व : श्रावण मास, नवरात्रि और विशेष रूप से सोमवारी (सोमवार) के दिन यहाँ बड़ी संख्या में भक्त दर्शन हेतु आते हैं।
पूजा विधि : भक्तजन यहाँ नारियल, लाल वस्त्र, चूड़ियाँ और सिंदूर अर्पित करते हैं। माता को हलवे-पूरी का भोग लगाया जाता है।
नजदीकी दर्शनीय स्थल
- • विष्णुपद मंदिर (गया)
- • फल्गु नदी
- • बौद्ध गया (महाबोधि मंदिर)
- • प्रेतशिला तीर्थ
मंगला गौरी मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आस्था, शक्ति और मातृत्व का भी प्रतीक है। यहां आकर भक्तों को न सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि उन्हें अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति का भी अनुभव होता है। गया आने वाले हर श्रद्धालु को मंगला गौरी मंदिर के दर्शन अवश्य करने चाहिए।