कालिघाट काली मंदिर (कोलकाता) के बारे में जानकारी

कालिघाट काली मंदिर (कोलकाता)
कोलकाता स्थित कालिघाट काली मंदिर माँ काली को समर्पित एक अत्यंत पवित्र हिन्दू तीर्थस्थल है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जहाँ माता सती के दायें पाँव की उँगली (अंगुली) गिरी थी। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि बंगाल की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का भी प्रतीक है।
मंदिर का अनोखा इतिहास
कालिघाट का उल्लेख कई पुराणों में मिलता है। मूल मंदिर एक छोटे से जंगल में स्थित था और यहाँ एक कृष्णनागर नदी (अब अदृश्य) बहती थी।
माना जाता है कि कालिघाट शक्तिपीठ का अस्तित्व सती के अंगों के पृथ्वी पर गिरने से हुआ था। माँ सती ने जब अपने पति भगवान शिव के अपमान के कारण यज्ञ में आत्मदाह किया था, तब भगवान विष्णु ने उनके शरीर को 51 टुकड़ों में विभाजित कर दिया, और वह जहाँ-जहाँ गिरे, वहाँ शक्तिपीठ स्थापित हुए।
मौजूदा मंदिर का निर्माण 1809 में हुआ, जो नवद्वीप के राजा ने करवाया था। वर्तमान में यह मंदिर एक प्रमुख पूजा स्थल और पर्यटन केंद्र है।
मंदिर की विशेषताएँ
- यहाँ स्थित माँ काली की प्रतिमा अनोखी है — माँ की जीभ बाहर निकली हुई है और उनका रूप उग्र है।
- माँ को 'दक्षिणेश्वरी काली' के रूप में पूजा जाता है।
- यह मंदिर नकुलेश्वर महादेव मंदिर से भी जुड़ा हुआ है, जो मुख्य मंदिर के निकट स्थित है।
- यहाँ की पूजा-प्रणाली, तंत्र साधना और बलि परंपरा से भी प्रसिद्ध है (हालांकि अब सीमित रूप में होती है)।
दर्शन का समय
मंगलवार से रविवार सुबह 5:00 AM – दोपहर 2:00 PM
शाम 5:00 PM – रात 10:30 PM
सुबह आरती – 6:00 AM
शाम आरती – 6:30 PM
सोमवार को भी मंदिर खुला रहता है।
विशेष अवसरों (जैसे अमावस्या, दुर्गा अष्टमी) पर विशेष पूजा और रात्रि जागरण भी होते हैं।
आरती और पूजा
- भोर की आरती – माँ को स्नान कराने के बाद आरंभ होती है।
- शृंगार पूजा – माँ को वस्त्र, फूल, चूड़ी, बिंदी आदि से सजाया जाता है।
- संध्या आरती – दीप, घंटी और शंख के साथ की जाती है।
- भोग अर्पण – खिचड़ी, मिठाई, नारियल, फल आदि चढ़ाया जाता है।
कैसे जाएँ ? (यात्रा मार्ग)
कालिघाट मंदिर कोलकाता के दक्षिण भाग में कालिघाट क्षेत्र में स्थित है।
हवाई मार्ग :
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से मंदिर लगभग 25 किमी दूर है।
रेल मार्ग :
हावड़ा स्टेशन और सियालदह स्टेशन नज़दीकी प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।
मेट्रो मार्ग :
कालिघाट मेट्रो स्टेशन मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।
सड़क मार्ग :
कोलकाता शहर के किसी भी भाग से बस, टैक्सी या ऑटो से मंदिर पहुँचा जा सकता है।
नज़दीकी स्थल
- दक्षिणेश्वर काली मंदिर
- बेलूर मठ
- विक्टोरिया मेमोरियल
- इडेन गार्डन
- प्रिंस गाट घाट
कालिघाट काली मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और शक्ति का प्रतीक है। यहाँ आने वाला हर भक्त माँ की उग्र लेकिन करुणामयी दृष्टि से निहाल हो जाता है। अगर आप कभी कोलकाता जाएँ, तो इस शक्तिपीठ के दर्शन अवश्य करें।