जोर मंदिर (ट्रिन कॉम्प्लेक्स), विष्णुपुर की जानकारी पश्चिम बंगाल

बिष्णुपुर, पश्चिम बंगाल का ऐतिहासिक नगर, अपने टेराकोटा मंदिरों और मल्ल राजवंश की स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित जोर मंदिर, जिसे "ट्रिन कॉम्प्लेक्स" भी कहा जाता है, तीन मंदिरों का समुच्चय है जो एक ही मंच पर स्थित हैं।

जोर मंदिर (ट्रिन कॉम्प्लेक्स), विष्णुपुर की जानकारी पश्चिम बंगाल
X

जोर मंदिर (ट्रिन कॉम्प्लेक्स), विष्णुपुर

बिष्णुपुर, पश्चिम बंगाल का ऐतिहासिक नगर, अपने टेराकोटा मंदिरों और मल्ल राजवंश की स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित जोर मंदिर, जिसे "ट्रिन कॉम्प्लेक्स" भी कहा जाता है, तीन मंदिरों का समुच्चय है जो एक ही मंच पर स्थित हैं। इनका निर्माण 1726 ईस्वी में मल्ल राजा ग्वाल सिंह देव प्रथम द्वारा कराया गया था। यह मंदिर न केवल स्थापत्य दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि बिष्णुपुर की धार्मिक-सांस्कृतिक गरिमा के प्रतीक भी हैं।

इतिहास

मल्ल राजाओं का शासन बिष्णुपुर में 7वीं से 18वीं शताब्दी तक रहा। उन्होंने विष्णुभक्ति को समर्पित कई मंदिरों का निर्माण कराया। ग्वाल सिंह देव I, मल्ल वंश के अंतिम प्रभावशाली शासकों में एक थे।

1726 ईस्वी में, उन्होंने एक साथ तीन मंदिरों का निर्माण करवाया, जिसे आज "जोर मंदिर" कहा जाता है। ये तीनों मंदिर एक ही आधार पर स्थित हैं और यह इस बात का प्रतीक है कि भक्ति, कला और एकता किस तरह से एक रूप में समाहित हो सकती है।

इन मंदिरों में टेराकोटा कला की समृद्ध परंपरा और परिष्कृत स्थापत्य शिल्प देखने को मिलता है। मंदिरों की दीवारों पर कृष्ण लीला, रामायण, महाभारत और स्थानीय लोककथाओं के दृश्य बेहद बारीकी से उकेरे गए हैं।

स्थापत्य विशेषताएँ

- तीनों मंदिर एक ही पृष्ठभूमि पर हैं लेकिन उनकी रचना थोड़ी-थोड़ी भिन्न है।

- ये ईंट और टेराकोटा से निर्मित हैं, जो बिष्णुपुर के मंदिरों की खास पहचान है।

- मंदिरों के शिखर उत्तरी भारत के नागर शैली से प्रभावित हैं।

- नक्काशियों में कृष्ण की रासलीला, गोपियों के संग नृत्य, रथ यात्रा, रणछोड़ अवतार, और ग्रामीण जीवन के दृश्य भी हैं।

- इन मंदिरों को "जोर मंदिर" इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये एक साथ स्थित हैं – "जोड़" से "जोर" शब्द बना है।

दर्शन समय

मंदिर प्रतिदिन खुला रहता है।

- दर्शन का समय : सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक

यात्रा मार्ग ?

स्थान – जोर मंदिर, बिष्णुपुर, बाँकुड़ा ज़िला, पश्चिम बंगाल

रेल मार्ग :

बिष्णुपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 2.5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।

कोलकाता (हावड़ा) से बिष्णुपुर के लिए प्रतिदिन ट्रेनें उपलब्ध हैं (रूपसी बांग्ला, पूर्वा एक्सप्रेस आदि)।

सड़क मार्ग :

कोलकाता से NH-2 होते हुए लगभग 150 किलोमीटर की दूरी है।

हवाई मार्ग :

निकटतम हवाई अड्डा – नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोलकाता (160 किमी दूर)।

आरती और धार्मिक आयोजन

जोर मंदिर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना नहीं होती, क्योंकि यह संरक्षित स्मारक है और मुख्यतः सांस्कृतिक-दृष्टि से संरक्षित है। लेकिन विशेष अवसरों पर यहां स्थानीय लोग दीप जलाकर पूजा करते हैं।

त्योहारों के समय :

- दोल यात्रा (होली)

- जन्माष्टमी

- रथ यात्रा

इन अवसरों पर स्थानीय कलाकारों द्वारा कृष्ण लीला का मंचन भी होता है।

अन्य प्रमुख स्थल

- श्याम राय मंदिर

- राधा श्याम मंदिर

- जोर बंग्ला मंदिर

- मदन मोहन मंदिर

- रास मंच

जोर मंदिर या ट्रिन कॉम्प्लेक्स, बिष्णुपुर की धार्मिकता, कला और सांस्कृतिक चेतना का उत्कृष्ट उदाहरण है। मल्ल शासकों की भक्ति भावना और स्थापत्य रुचि इन मंदिरों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यदि आप इतिहास, वास्तुकला और भक्ति में रुचि रखते हैं, तो बिष्णुपुर की यह यात्रा आपको अविस्मरणीय अनुभव देगी।

Tags:
Next Story
Share it