माता समलेश्वरी मंदिर, संबलपुर
माता समलेश्वरी मंदिर ओडिशा राज्य के संबलपुर जिले में स्थित एक अत्यंत प्रसिद्ध और ऐतिहासिक शक्ति पीठ है। यह मंदिर देवी समलेश्वरी को समर्पित है, जिन्हें स्थानीय लोग "माँ समलेई" के नाम से पुकारते हैं।

माता समलेश्वरी मंदिर, संबलपुर
माता समलेश्वरी मंदिर ओडिशा राज्य के संबलपुर जिले में स्थित एक अत्यंत प्रसिद्ध और ऐतिहासिक शक्ति पीठ है। यह मंदिर देवी समलेश्वरी को समर्पित है, जिन्हें स्थानीय लोग "माँ समलेई" के नाम से पुकारते हैं। यह मंदिर माहानदी नदी के तट पर स्थित है और ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है।
माता समलेश्वरी को धन, शक्ति और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। उन्हें स्थानीय रूप से "पटन देवी", यानी नगर की रक्षक देवी भी कहा जाता है।
इतिहास और महत्व
माता समलेश्वरी की पूजा प्राचीन काल से होती आ रही है। मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में बालाराम देव प्रथम, जो चौहान वंश के राजा थे, द्वारा कराया गया था। यह मंदिर सम्बलपुर राज्य की कुलदेवी के रूप में प्रतिष्ठित हुआ।
इतिहासकारों के अनुसार, समलेश्वरी देवी की पूजा त्रेता युग से होती आ रही है और यह स्थान तंत्र साधना, शक्ति उपासना तथा लोक मान्यताओं का प्रमुख केंद्र रहा है।
समलेश्वरी मंदिर में मूर्ति काले पत्थर की बनी हुई है और देवी को आठ भुजाओं में दर्शाया गया है, जिसमें वे विविध शस्त्र धारण किए हुए हैं। उनकी मुद्रा रक्षक और संहारक दोनों रूपों में है।
मंदिर की वास्तुकला
- मंदिर ओडिशा की पारंपरिक कलिंग शैली में निर्मित है।
- इसकी दीवारें पत्थरों की बनी हुई हैं और देवी की मूर्ति गर्भगृह में प्रतिष्ठित है।
- शिखर अर्धगोलाकार है और गवाक्षों व स्तंभों पर उत्कृष्ट नक्काशी की गई है।
- मंदिर परिसर में यज्ञ मंडप, आरती स्थल, भक्त निवास आदि की भी व्यवस्था है।
दर्शन का समय
मंदिर में दर्शन और पूजा का समय नियमित रूप से निर्धारित है :
प्रातः दर्शन : सुबह 5:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
सांध्य दर्शन : शाम 4:00 बजे से रात 9:30 बजे तक
विशेष पर्वों पर मंदिर देर रात तक खुला रहता है, विशेषकर नवरात्रि, दुर्गा अष्टमी, दशहरा, दीपावली और महाशिवरात्रि के समय।
आरती और पूजा विधि
मंदिर में देवी समलेश्वरी की पूजा वैदिक और तांत्रिक दोनों विधियों से की जाती है।
प्रमुख आरतियाँ:
- प्रभात आरती : सुबह 5:30 बजे
- मध्याह्न भोग आरती : दोपहर 12:30 बजे
- संध्या आरती : सूर्यास्त के बाद (लगभग 6:30 – 7:00 बजे)
- रात्रि शयन आरती : रात 9:00 बजे
भोग :
देवी को खीर, पूड़ी, चने, फल, मिष्ठान्न और पंचामृत अर्पित किया जाता है।
भक्तगण नारियल, लाल चुनरी, सिंदूर, कमल पुष्प आदि चढ़ाते हैं।
प्रमुख उत्सव और मेले
- नवरात्रि (चैत्र और अश्विन) : मंदिर में भव्य आयोजन होता है, विशेष शृंगार और रात्रि जागरण होता है।
- दशहरा : यहाँ की दशहरा यात्रा बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें रथों की यात्रा और विशेष पूजा होती है।
- मकर संक्रांति और महासप्तमी : बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान व पूजा के लिए आते हैं।
- समलेश्वरी जयन्ती: यह स्थानीय उत्सव के रूप में भव्य तरीके से मनाया जाता है।
कैसे पहुँचें ?
स्थान : समलेश्वरी मंदिर, संबलपुर, ओडिशा – माहानदी नदी के तट पर स्थित।
वायु मार्ग :
निकटतम हवाई अड्डा – झारसुगुड़ा एयरपोर्ट (लगभग 50–55 किमी)
या
स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट, रायपुर (छत्तीसगढ़ – लगभग 260 किमी)
रेल मार्ग :
संबलपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर लगभग 3–4 किमी दूर है।
सड़क मार्ग :
संबलपुर ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
आस-पास के दर्शनीय स्थल
नीचे दिए गए धार्मिक और प्राकृतिक स्थल भी देखने योग्य हैं :
- हीराकुंड बांध – एशिया का सबसे लंबा मिट्टी का बांध
- घांटापहाड़ मंदिर
- लेखापानी जलप्रपात
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- रावेंसवॉ स्कूल संग्रहालय
माता समलेश्वरी मंदिर, संबलपुर एक अत्यंत पवित्र शक्ति स्थल है जो श्रद्धालुओं को भक्ति, विश्वास और आंतरिक शांति प्रदान करता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत भी इसे विशिष्ट बनाती है।