Bindudham Mandir history: झारखंड का रहस्यमय बिंदुधाम मंदिर: जानें हजारों साल पुराना इतिहास, नवरात्रि महायज्ञ और दर्शन का सही समय!
Bindudham Mandir history: बिंदुधाम मंदिर, जिसे बिंदुवासिनी मंदिर भी कहा जाता है, झारखंड के बरहरवा का प्राचीन तीर्थस्थल है। जानें मंदिर का इतिहास, दर्शन समय, नवरात्रि महायज्ञ और यात्रा गाइड इस लेख में।

Bindudham Mandir history: बिंदुधाम मंदिर जिसे बिंदुवासिनी नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जिसके आध्यात्मिक माहौल से बड़ी संख्या में भक्त आकर्षित होते हैं।यह भारतीय राज्य झारखंड के साहिबगंज जिले में बरहरवा में स्थित है। यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता के बीच भक्तों के मन में आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाता है। मंदिर के प्रांगण में नवरात्रि के दौरान उत्सव मनाया जाता है जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से लोग सम्मिलित होने आते हैं। यह मंदिर चारों ओर से हरियाली के बीच बसा हुआ है। यहां का शांत वातावरण पास में स्थित नदी स्थान को भक्तों के लिए ध्यान का एक आदर्श केंद्र भी बनाती है।
बिंदुधाम मंदिर कहां है? उसका इतिहास क्या है? मंदिर में दर्शन का समय क्या है? और मंदिर में पहुंचने के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा है? मंदिर में कौन-कौन से त्योहारों को मनाया जाता है? इन सभी जानकारी को प्राप्त करने के लिए इस लेख के माध्यम से बने रहिए हमारे साथ।
*बिंदुधाम मंदिर:*
बिंदुधाम मंदिर को बिंदुवासिनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म का यह प्राचीन मंदिर झारखंड राज्य के साहिबगंज जिले में बरहरवा में स्थित है। यह मंदिर बिंदुवासिनी पहाड़ी की चोटी पर हरियाली के बीच स्थित है।
यह मंदिर त्रिदेवियों यानी महादुर्गा, महालक्ष्मी, और महासरस्वती को समर्पित है। इस मंदिर के मुख्य प्रांगण में सूर्य देवता की मूर्ति विराजमान है जो सात घोड़े वाले रथ पर सवार है। वहीं दूसरी तरफ मंदिर में भगवान हनुमान की एक बड़ी मूर्ति स्थापित की गई है जिसकी लंबाई 35 फीट ऊंची है। मान्यता यह है कि इस स्थान पर भक्त भगवान हनुमान के पवित्र पैरों के निशान देख सकते हैं और दर्शन कर सकते हैं।
*बिंदुधाम मंदिर इतिहास:*
बिंदुधाम मंदिर देश के प्राचीन और लोकप्रिय मंदिरों में से एक है।जो अपनी सुंदरता और धार्मिक महत्व से लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्तों की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिलती है।
दरअसल इस मंदिर का निर्माण कब हुआ और इस मंदिर का सटीक इतिहास मिथकों से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर के निर्माण के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। परंतु ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना लगभग हजारों वर्ष पूर्व की गई थी।
कुछ प्राचीन किंवदंतियों में इस बात का जिक्र है कि इस मंदिर का निर्माण इस स्थल पर हुआ है जिस स्थान पर भगवान विष्णु द्वारा देवी सती के शरीर के टुकड़े किए जाने के बाद उनके रक्त की तीन बूंदे गिरी थी।
*दर्शन का समय:*
बिंदुधाम दर्शन का समय भक्तों के लिए सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक है उसके बाद शाम 5:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक है। मंदिर की दैनिक पूजा सुबह 6:30 बजे होती है।
*मंदिर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार:*
बिंदुधाम एक प्रमुख हिंदू मंदिर होने के कारण मंदिर में लगभग सभी हिंदू पर्व बहुत उत्साह से मनाए जाते हैं। चैत्र नवरात्रि बिंदुधाम मंदिर का प्रमुख उत्सव है। चैत्र नवरात्रि के दौरान मंदिर में बहुत बड़े उत्सव का आयोजन किया जाता है। नवरात्रि के अवसर पर 9 दिनों का महायज्ञ आयोजित किया जाता है। इस महायज्ञ में शामिल होने के लिए और उसके बाद रामनवमी के अवसर पर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां इकठ्ठा होते हैं।
आपको बता दे की चैत्र नवरात्रि के साथ-साथ बिंदुधाम मंदिर में अन्य त्योहार भी मनाए जाते हैं जिनमें स्थानीय लोगों का भी योगदान होता है। जैसे गोवर्धन पूजा, गुरु पूर्णिमा, रानी सती पूजन, खाटू श्याम पूजा, हनुमान जन्मोत्सव आदि।
*बिंदुधाम यात्रा का सबसे अच्छा समय:*
बिंदुधाम मंदिर न केवल धार्मिक महत्व से महत्वपूर्ण है बल्कि यह एक महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण केंद्र भी है। यह मंदिर हरियाली की गोद में बसे होने के कारण और झरने जैसे प्राकृतिक आकर्षणों के कारण पर्यटकों को भी आकर्षित करता है जो शांत वातावरण प्रेमी है और प्रकृति प्रेमी है। इस स्थान पर आकर पर्यटकों को आध्यात्मिक विश्राम की अनुभूति होती है।
यात्रा के लिए भक्तों को मानसून के समय बचाव करना चाहिए क्योंकि झारखंड में कई बार भारी वर्षा होती है जिससे आपके रास्ते में बाधा भी आ सकती है और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
बिंदुधाम मंदिर यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय हल्के ठंड के महीने और त्योहारों के मौसम के दौरान होता है। अक्टूबर से मार्च का महीना यात्रा के लिए सबसे आदर्श महीना माना जाता है। इस वक्त दिन का तापमान बहुत ही आरामदायक होता है और रातें ठंडी होती है। भक्त त्योहारों के समय भी मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। त्योहारों के दौरान मंदिर में उत्सव का आयोजन किया जाता है और मंदिर को बहुत ही खूबसूरत रूप में सजाया जाता है।
*रहने के विकल्प:*
यदि आप मंदिर के दर्शन के बाद रात में रुकने की योजना बनाते हैं और आसपास के स्थलों पर घूमना चाहते हैं तो मंदिर के आसपास ठहरने के लिए कई विकल्प है। त्योहार के समय में यहां भीड़ होने के कारण भक्तों को अग्रिम बुकिंग की सलाह दी जाती है जिससे उनकी यात्रा आरामदायक और सुख में होती है।
*बिंदुधाम कैसे पहुंचे:*
० *हवाई मार्ग:* बिंदु धाम मंदिर बरहरवा से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बागडोगरा हवाई अड्डा है जो मंदिर से लगभग 280 किलोमीटर की दूरी पर है।
० *रेल मार्ग:* बिंदु धाम मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन बरहरवा है। मंदिर स्टेशन से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
० *सड़क मार्ग:* झारखंड का साहिबगंज जिला जहां यह प्राचीन मंदिर स्थित है एक महत्वपूर्ण शहर है। इसीलिए बरहरवा में सड़क मार्ग की एक अच्छी व्यवस्था है जिसके माध्यम से आप वहां आराम से पहुंच सकते हैं।