Ashokdham Mandir Lakhisarai: अशोकधाम: जहाँ बच्चों ने खोजा था हजारों साल पुराना शिवलिंग, आज बन गया बिहार का देवघर!

Ashokdham Mandir Lakhisarai: बिहार के लखीसराय में स्थित अशोकधाम मंदिर, इंद्रदमनेश्वर महादेव के रूप में प्रसिद्ध है। जानिए इस प्राचीन शिवलिंग की चमत्कारी कहानी, मंदिर का इतिहास, दर्शन का समय, कैसे पहुँचें और कहाँ रुकें — पूरी यात्रा गाइड।

Ashokdham Mandir Lakhisarai: अशोकधाम: जहाँ बच्चों ने खोजा था हजारों साल पुराना शिवलिंग, आज बन गया बिहार का देवघर!
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Ashokdham Mandir Lakhisarai: अशोकधाम का संबंध प्राचीन काल से है और यह स्थल भगवान शिव के प्राचीन लिंग रूप की उपासना का केंद्र रहा है। माना जाता है कि पाल वंश के काल (8वीं शताब्दी) में इस क्षेत्र में शिवलिंग की पूजा होती थी। 12वीं शताब्दी में राजा इंद्रद्युम्न ने इस शिवलिंग के चारों ओर भव्य मंदिर बनवाया और इसे इंद्रदमनेश्वर महादेव नाम दिया गया। कालांतर में यह मंदिर ध्वस्त हो गया और शिवलिंग जमीन के नीचे दब गया। सदियों तक यह स्थल अज्ञात रहा।

7 अप्रैल 1977 को गाँव के दो बच्चे — अशोक और गजानंद, खेलते समय इस शिवलिंग को खोदकर बाहर निकाले। इस कारण मंदिर का नाम "अशोकधाम" रखा गया। 1993 में शंकराचार्य स्वामी निरंजन देव तीर्थ ने मंदिर निर्माण का उद्घाटन किया। 15 नवम्बर 2002 को भव्य मंदिर का पुनर्निर्माण आरंभ हुआ और आज यह मंदिर बिहार के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है।

*धार्मिक महत्व*

मुख्य शिवलिंग को इंद्रदमनेश्वर महादेव कहा जाता है। यहाँ की मान्यता है कि सच्चे मन से माँगी गई मनोकामना अवश्य पूरी होती है। यह मंदिर सावन महीने और महाशिवरात्रि के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं से भर जाता है। इसे बिहार का देवघर भी कहा जाता है, क्योंकि झारखंड के देवघर की तरह यहाँ भी विशेष श्रद्धा देखी जाती है।

*मंदिर खुलने का समय*

दर्शन समय

सुबह का समय 4:00 AM – 12:00 PM

संध्या का समय 3:00 PM – 9:00 PM

विशेष आरती सुबह 4:30 AM और शाम 7:00 PM

*मंदिर परिसर में क्या-क्या है ?*

मुख्य मंदिर : इंद्रदमनेश्वर महादेव (अशोकधाम)

नंदी मंदिर : शिव के वाहन नंदी की विशाल प्रतिमा

दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर, रामजानकी मंदिर एवं शिव-पार्वती विवाह मंडप

यज्ञशाला, स्नान कुण्ड, भक्त निवास (रहने की सुविधा)

*कैसे पहुँचे ?*

सड़क मार्ग :-

अशोकधाम मंदिर, लखीसराय जिला के बड़हिया प्रखंड स्थित कैवल्य स्थान गाँव में स्थित है।

यह लखीसराय शहर से लगभग 25 किमी दूर है।

पटना → मोकामा → बड़हिया → अशोकधाम (लगभग 130 किमी)

रेल मार्ग :-

निकटतम रेलवे स्टेशन : बड़हिया जंक्शन (7 किमी)

मुख्य रेलवे जंक्शन : लखीसराय स्टेशन

हवाई मार्ग :-

नजदीकी हवाई अड्डा: लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पटना (130 किमी)

*ठहरने की सुविधा*

- मंदिर परिसर में धर्मशाला एवं यात्री निवास की व्यवस्था है।

- लखीसराय, बड़हिया, मोकामा में बजट होटल व गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।

*मुख्य पर्व और उत्सव*

• महाशिवरात्रि : सबसे बड़ा पर्व, लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।

• सावन मास : पूरे महीने विशेष पूजा और जलाभिषेक

• श्रावणी मेला : कांवरियों का तांता, देवघर जाने वाले श्रद्धालु भी यहाँ जल अर्पण करते हैं।

अशोकधाम, न सिर्फ एक मंदिर है बल्कि आस्था, चमत्कार और सांस्कृतिक विरासत का संगम है। यह स्थल हर भक्त के हृदय में श्रद्धा की लौ जलाता है। यदि आप शिवभक्त हैं और शांति, अध्यात्म तथा दिव्यता का अनुभव करना चाहते हैं, तो एक बार इस धाम की यात्रा अवश्य करें।

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