Vastu Tips: किचन की सही दिशा से आती है लक्ष्मी की कृपा | जानें सबसे शुभ स्थान
Vastu Tips:वास्तु के अनुसार किचन की सही दिशा घर में सुख-समृद्धि लाती है। जानें रसोई किस दिशा में बनानी चाहिए, चूल्हा कहाँ रखें और किन दिशाओं से बचें।
Vastu Tips: किचन की सही दिशा से मिलती है मां लक्ष्मी की कृपा!
गलत दिशा में रसोई बनने से बढ़ती हैं परेशानियां, होती है धन की कमी
किचन की दिशा क्यों है इतनी महत्वपूर्ण?
वास्तुशास्त्र में घर की रसोई को बेहद खास माना गया है। ऐसा माना जाता है कि यदि किचन सही दिशा में हो तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और मां लक्ष्मी की कृपा कभी कम नहीं होती। वहीं गलत दिशा में किचन बनने से मानसिक तनाव, फिजूलखर्ची और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। इसलिए किचन की दिशा तय करते समय वास्तु के नियम ज़रूर ध्यान में रखने चाहिए।
किचन का निर्माण दक्षिण-पूर्व दिशा में ही क्यों?
वास्तु के अनुसार रसोई घर का सबसे शुभ स्थान दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) माना जाता है। यह अग्नि देवता की दिशा है और अग्नि का काम भोजन पकाना है, इसलिए यहां किचन बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
इस दिशा में किचन होने से मंगल ग्रह के दोष भी शांत होते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है। यदि इस दिशा में किचन बनाना संभव न हो, तो उत्तर-पश्चिम दिशा को दूसरा विकल्प माना जाता है।
चूल्हा कहाँ होना चाहिए?
रसोई में चूल्हा हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए।
मान्यता है कि इस दिशा में चूल्हा लगाने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। इससे परिवार में खुशी और शांति भी बनी रहती है।
सिंक और पानी की दिशा
किचन में पानी का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। वास्तु के अनुसार सिंक या पानी से जुड़े सभी कार्य उत्तर दिशा में होने चाहिए।
उत्तर जल तत्व की दिशा है और इस ओर सिंक लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और संपन्नता बनी रहती है।
इन दिशाओं में भूलकर भी न बनाएं किचन
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार रसोई को कभी भी इन दिशाओं में नहीं बनाना चाहिए—
उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम, मध्य-उत्तर, मध्य-दक्षिण, मध्य-पश्चिम या घर के बिल्कुल केंद्र में।
इन स्थानों पर किचन बनने से धन हानि, बीमारियाँ और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और घर में दरिद्रता का वास हो सकता है।