क्यों कुछ लोग बिना पूजा-पाठ के भी हो जाते हैं सफल? प्रेमानंद जी महाराज ने बताया असली कारण

प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि कुछ लोग बिना पूजा-पाठ के भी क्यों सफल हो जाते हैं। जानें कर्म, भक्ति, असफलता और भगवान की परीक्षा का असली कारण।

Published On 2025-11-18 17:46 GMT   |   Update On 2025-11-18 17:46 GMT

क्यों कुछ लोग बिना पूजा-पाठ के भी हो जाते हैं सफल? प्रेमानंद जी महाराज ने बताया असली कारण

श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति उनसे एक सामान्य लेकिन बेहद महत्वपूर्ण सवाल पूछता है—

“कई लोग पूजा-पाठ नहीं करते, फिर भी बहुत सफल और अमीर कैसे बन जाते हैं?”

महाराज जी ने इस सवाल का सरल, सीधा और जीवन बदल देने वाला जवाब दिया।

1. पिछले जन्मों के कर्म बनाते हैं किस्मत

प्रेमानंद जी बताते हैं कि हर इंसान अपनी किस्मत अपने प्रारब्ध, यानी पिछले जन्मों के कर्मों के आधार पर जीता है।

कुछ लोग आज पूजा नहीं करते, सही रास्ते पर नहीं चलते, फिर भी सफल दिखते हैं… क्योंकि—

उनके पिछले जन्मों के अच्छे कर्म अभी फल दे रहे होते हैं।

आज वे चाहे गलतियाँ कर रहे हों, लेकिन उनके पुराने पुण्य उन्हें सुख, धन और सफलता दे रहे होते हैं।

लेकिन जब उनके पुराने बुरे कर्म सामने आएंगे, तब उन्हें भी उसका फल भोगना ही पड़ेगा।

2. धार्मिक लोग भी क्यों झेलते हैं परेशानियाँ?

वीडियो में महाराज जी इस भ्रम को भी दूर करते हैं कि धार्मिक लोग हमेशा खुश क्यों नहीं रहते।

वे समझाते हैं—

आज के अच्छे कर्म तुरंत फल नहीं देते।

कभी-कभी व्यक्ति को अपने पिछले जन्मों के बुरे कर्मों का हिसाब पूरा करना होता है।

जो भी पुण्य और भक्ति आज हम कर रहे हैं, उसका फल बाद में जरूर मिलता है—बस धैर्य रखना पड़ता है।

3. असफलता मिले तो रास्ता बदलो—रुकना मत

महाराज जी कहते हैं—

अगर नौकरी न मिले, काम बिगड़ जाए या बार-बार असफलता हाथ लगे, तो रोकर बैठ जाना समाधान नहीं है।

एक रास्ता बंद हो जाए, तो दूसरा चुनें।

चाहे छोटा व्यापार हो, मजदूरी हो, ठेला-रिक्शा—हर काम सम्मानजनक है।

मेहनत करने वाला इंसान कभी नहीं रुकता और धीरे-धीरे आगे बढ़ ही जाता है।

4. भगवान कठोर नहीं—वे सिर्फ परीक्षा लेते हैं

प्रेमानंद जी कहते हैं कि भगवान कभी किसी पर कठोर नहीं होते।

वे हमारी परीक्षा—

परिवार

परिस्थिति

और खान-पान

के माध्यम से लेते हैं।

सुदामा जी का उदाहरण देते हुए कहते हैं—

जब सही समय आया, भगवान कृष्ण ने उनकी पूरी किस्मत पलट दी।

वैसे ही हर भक्त के जीवन में सही समय आता है।

5. भगवान से नाराज़ न हों—विश्वास बनाए रखें

महाराज जी कहते हैं

कठिन समय हमेशा नहीं रहता।

आज गरीबी है, तो कल अमीरी आ सकती है। जीवन पलटते देर नहीं लगती।

सबसे बड़ा धन है—

“राम-नाम”,

जो कभी खत्म नहीं होता।

इसलिए—

मेहनत मत छोड़ो

ईमानदारी मत छोड़ो

और भगवान पर विश्वास रखो

समय ज़रूर बदलेगा।

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