Maa Lakshmi kaise Prasann Hoti hai: शुक्रवार से हर दिन करें इन कामों को, मां लक्ष्मी नहीं जायेंगी कभी आपके घर से

Maa Lakshmi kaise Prasann Hoti hai: घर में धन की कमी है मां लक्ष्मी की कृपा नहीं बरस रही है तो इन कामों को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।जानते है कौन कौन से

Published On 2025-07-24 10:45 GMT   |   Update On 2025-07-24 10:45 GMT

maa lakshmi kaise prasann hoti hai  : मां लक्ष्मी को धन, वैभव, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि जिस घर में मां लक्ष्मी का वास होता है, वहां कभी दरिद्रता, अशांति या अभाव नहीं रहता। ,देवी लक्ष्मी का आगमन किसी भी घर में यूं ही नहीं हो जाता। वे केवल उन्हीं स्थानों और व्यक्तियों के पास आती हैं जो उनके अनुरूप आचरण करते हैं, जिनकी जीवनशैली, सोच और कर्म शुद्ध, सात्विक और नैतिक होते हैं।

शास्त्रोंमें मां लक्ष्मी के कई रूप का वर्णन मिलता है। लेकिन उनके स्थायी वास के लिए कुछ उपाय है। यदि कोई व्यक्ति इन गुणों को अपने जीवन में धारण करता है, तो मां लक्ष्मी स्वयं उस पर कृपा बरसाती हैं। जानते हैं वे कौन-कौन से गुण हैं, जो मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं और जिनके कारण वे किसी घर में स्थायी रूप से वास करती हैं।

लक्ष्मी जी को खुश करने के उपाय

ईमानदारी को मां लक्ष्मी का सबसे  खास माना गया है। जो व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है, अपने कर्मों में ईमानदारी बरतता है, न तो किसी को धोखा देता है और न ही छल-कपट करता है – मां लक्ष्मी ऐसे व्यक्ति के घर आना पसंद करती हैं।

ऐसे लोग अपने जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयों का सामना करें, लेकिन अंत में उन्हें सफलता और समृद्धि अवश्य प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी उन्हें उनकी सच्चाई और निष्ठा के बदले भरपूर धन और वैभव का आशीर्वाद देती हैं। याद रखें, बेईमानी से प्राप्त किया गया धन अल्पकालिक होता है और उसमें मां लक्ष्मी का वास नहीं होता।

शास्त्रों में कहा गया है कि ज्ञान सबसे बड़ा धन होता है। यह ऐसा धन है जिसे कोई चुरा नहीं सकता और जितना इसे बांटा जाए, उतना ही यह बढ़ता है। एक ज्ञानी व्यक्ति समाज में सम्मान प्राप्त करता है, और वह कभी भूखा नहीं मरता, क्योंकि ज्ञान और हुनर से वह अपनी आजीविका चला ही लेता है।

मां लक्ष्मी को वे लोग अत्यंत प्रिय होते हैं जो निरंतर सीखते रहते हैं, खुद को अपडेट करते हैं, और अपने ज्ञान को दूसरों के साथ बांटते हैं। ऐसे लोगों की जीवन यात्रा में प्रगति स्वाभाविक होती है, और वे स्थायी रूप से सुख और समृद्धि का आनंद लेते हैं।

भगवद् गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है:

"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।"

अर्थात – तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल पर नहीं।

जो व्यक्ति पूरे समर्पण, मेहनत और लगन से अपने कार्य में लगा रहता है, उसे देर-सबेर सफलता और धन अवश्य प्राप्त होता है। मां लक्ष्मी परिश्रमी लोगों से प्रसन्न रहती हैं और उन्हें आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाती हैं।

और गुणों अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि केवल उसके फल पर। आलस्य, टालमटोल और बेफिक्री लक्ष्मी के आगमन में सबसे बड़ी बाधा होते हैं। मेहनत करने से डरना नहीं चाहिए, क्योंकि मेहनत का फल जरूर मिलता है।

कई बार लोग बहुत पैसा कमा लेते हैं, लेकिन उसे सही तरीके से खर्च नहीं कर पाते। कुछ लोग व्यर्थ की विलासिता, दिखावे या बुरी आदतों में धन लुटा देते हैं। ऐसे लोग भले कुछ समय के लिए अमीर दिखें, लेकिन धन उनके पास टिकता नहीं है।

मां लक्ष्मी केवल उन्हीं के पास आती हैं जो धन का उपयोग विवेकपूर्वक करते हैं ज़रूरतमंदों की मदद, शिक्षा, स्वास्थ्य, या परिवार के कल्याण में। जो लोग धन का सम्मान करते हैं, उसे नष्ट नहीं करते, उसका सही निवेश करते हैं, लक्ष्मी उनके घर स्थायी रूप से वास करती हैं।

शास्त्रों में कहा गया है:

"दानं धर्मस्य लक्षणम्।"

अर्थात – दान करना धर्म का लक्षण है।

जो लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा गरीब, असहाय और ज़रूरतमंद लोगों की सेवा में लगाते हैं, वे मां लक्ष्मी के अत्यंत प्रिय होते हैं। दान करने से न केवल पुण्य प्राप्त होता है, बल्कि धन भी कई गुना होकर वापस आता है।

दान करने का अर्थ केवल पैसों का दान नहीं होता,समय, ज्ञान, भोजन, वस्त्र, या सेवा भी दान का रूप हो सकते हैं। दान करते समय न तो अहंकार होना चाहिए और न ही दिखावा। मां लक्ष्मी ऐसे निःस्वार्थ भाव से दान देने वालों से प्रसन्न होती हैं।

मां लक्ष्मी को स्वच्छता और सात्विकता अत्यंत प्रिय है। वे गंदगी, अव्यवस्था, और अपवित्रता वाले घरों में प्रवेश नहीं करतीं। जो लोग अपने घर, कार्यालय, शरीर और मन को साफ-सुथरा रखते हैं, सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखते हैं, वहां देवी लक्ष्मी स्वतः ही आकर्षित होती हैं।

हर शुक्रवार को मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें, घर में दीपक जलाएं, सुगंधित फूल अर्पित करना चाहिए और स्वच्छता बनाए रखना चाहिए

धन के साथ संतोष होना भी जरूरी है। जो लोग धनी होने पर अहंकार में नहीं डूबते, विनम्र रहते हैं, और दूसरों का सम्मान करते हैं, मां लक्ष्मी उनसे प्रसन्न रहती हैं। दूसरी ओर, घमंड और दिखावा करने वालों से लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। इसका अर्थ है कि जो आपके पास है, उसकी कद्र करें और ईश्वर का धन्यवाद करें। मां लक्ष्मी ऐसे संतुलित और संयमी लोगों को ही स्थायी रूप से धन देती हैं।

मां लक्ष्मी केवल मंदिर में पूजा करने से प्रसन्न नहीं होतीं, बल्कि आपके कर्म, सोच और व्यवहार से भी प्रभावित होती हैं। यदि आप ईमानदार हैं, ज्ञान की भूख रखते हैं, मेहनती हैं, अपने धन का सही उपयोग करते हैं, दूसरों की मदद करते हैं, स्वच्छ रहते हैं और संतोषी हैं तो मां लक्ष्मी जरूर अपनी कृपा बरसाती है।धन केवल संपत्ति नहीं है, यह ईश्वर की कृपा भी है। इसे अर्जित करने के साथ उसका सम्मान भी धर्म है। तभी जीवन खुशहाल रहता है। 

Note- इस तरह की खबरों की सत्यता की गांरटी rashifaltoday.com नहीं लेता है, बस ये खबर पाठको की रुचि के लिए है,,,आजमाने से पहले योग्य ज्योतिष से परामर्श ले

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