20 December 2025 Panchang: पौष अमावस्या पर पितृ तर्पण का विशेष महत्व, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल, तिथि, नक्षत्र और आज का धार्मिक महत्व
20 दिसंबर 2025 पंचांग: शनिवार को पौष मास की अमावस्या और शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का विशेष संयोग बन रहा है। जानिए आज का पूरा पंचांग – शुभ मुहूर्त, राहुकाल, तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्य-चंद्र राशि और पितृ तर्पण, शनि पूजा व दान-पुण्य का धार्मिक महत्व। साथ ही पढ़ें आज के शुभ उपाय और सावधानियां।
20 दिसंबर 2025 का पंचांग: जानिए शुभ मुहूर्त, राहुकाल, तिथि, नक्षत्र और आज का धार्मिक महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार 20 दिसंबर 2025, शनिवार का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। यह दिन पौष मास में आता है और दिन की शुरुआत कृष्ण पक्ष अमावस्या से होती है, जिसके बाद शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि का आरंभ होता है। अमावस्या तिथि को पितृ तर्पण, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। वहीं शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन किए गए पूजा-पाठ और उपाय जीवन में स्थिरता और कष्टों से मुक्ति दिलाने वाले माने जाते हैं।
पंचांग के अनुसार दिन के शुभ और अशुभ समय को जानकर पूजा, व्रत, दान और महत्वपूर्ण कार्य सही मुहूर्त में किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं 20 दिसंबर 2025 के पंचांग की पूरी जानकारी।
दिन, मास और सूर्य की स्थिति
दिन: शनिवार
मास: पौष मास
विक्रम संवत: 2082
ऋतु: हेमंत
सूर्योदय: प्रातः 07:09 बजे
सूर्यास्त: सायं 05:28 बजे
सूर्य राशि: धनु
तिथि, नक्षत्र और चंद्र राशि
तिथि प्रातः तक कृष्ण पक्ष अमावस्या
सुबह लगभग 07:12 बजे के बाद शुक्ल पक्ष प्रतिपदा
अमावस्या तिथि पितृ तर्पण, श्राद्ध, दीपदान और दान-पुण्य के लिए विशेष मानी जाती है।
नक्षत्र : दिन भर मूल नक्षत्र
मूल नक्षत्र को गण्डमूल श्रेणी में रखा जाता है, इसलिए नए कार्य शुरू करने से बचने की सलाह दी जाती है।
चंद्र राशि
दिन भर धनु राशि
योग और करण
योग:दिन भर गण्ड योग
इस योग में धैर्य और संयम से कार्य करने की सलाह दी जाती है।
करण :चतुष्पाद करण
इसके बाद नाग करण
20 दिसंबर 2025 के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 11:44 AM से 12:29 PM
यह समय पूजा-पाठ, मंत्र जाप, दान-पुण्य और शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
राहुकाल: 09:43 AM से 11:01 AM
अन्य अशुभ समय
गुलिक काल: 07:09 AM – 08:26 AM
यमगण्ड काल: 01:35 PM – 02:53 PM
इन समयों में नए कार्य, निवेश और यात्रा से बचना शुभ माना जाता है।
20 दिसंबर 2025 का धार्मिक महत्व
अमावस्या तिथि के कारण पितृ तर्पण और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
अमावस्या पर किया गया दान और दीपदान पितरों की शांति के लिए फलदायी माना जाता है।
शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है, इसलिए शनि पूजा, तेल दीपदान और काले तिल का दान शुभ फल देता है।
इस दिन ध्यान, मौन साधना और मंत्र जाप से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
आज के उपाय और सुझाव
सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें
पितरों के नाम से जल, अन्न या वस्त्र का दान करें
शनि देव की पूजा कर सरसों के तेल का दीपक जलाएं
“ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जप करें
राहुकाल में कोई नया कार्य आरंभ न करें
20 दिसंबर 2025 का दिन अमावस्या और शनिवार के संयोग के कारण धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन पितृ तर्पण, दान-पुण्य, पूजा-पाठ और आत्मिक शुद्धि के लिए विशेष रूप से शुभ है।
पंचांग के अनुसार शुभ समय में किए गए धार्मिक कार्य जीवन में सकारात्मकता, शांति और संतुलन लाने में सहायक होते हैं।