16 दिसंबर 2025 का पंचांग | शुभ मुहूर्त, राहुकाल, तिथि, नक्षत्र, आज का महत्व
16 December 2025 Panchang in Hindi – आज की तिथि, चंद्र राशि, नक्षत्र, शुभ मुहूर्त, राहुकाल, गुलिक काल, यमगण्ड, पूजा-पाठ, मंगलवार के उपाय और दिन के धार्मिक महत्व की संपूर्ण जानकारी पढ़ें और अपने दिन को शुभ बनाएं।
16 दिसंबर 2025 का पंचांग: शुभ मुहूर्त, राहुकाल, तिथि, नक्षत्र और आज का महत्व
16 दिसंबर 2025, मंगलवार का दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और कर्मप्रधान दृष्टि से विशेष महत्व रखता है।
पौष मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि, शुभ नक्षत्रों का संयोग और मंगलवार की ऊर्जावान प्रकृति इस दिन को हनुमान पूजा, जप-तप, दान और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अनुकूल बनाती है।
इस दिन सही समय पर किए गए कार्य जीवन में सफलता, संतुलन और सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
आइए जानते हैं 16 दिसंबर 2025 के पंचांग की संपूर्ण जानकारी।
दिन, मास और सूर्योदय–सूर्यास्त
दिन: मंगलवार
मास: पौष मास (कृष्ण पक्ष)
विक्रम संवत: 2082
ऋतु: हेमंत ऋतु
सूर्योदय: 07:06 AM
सूर्यास्त: 05:25 PM
सूर्य राशि: धनु राशि
तिथि, चंद्र राशि और नक्षत्र
तिथि: कृष्ण पक्ष द्वादशी
(रात लगभग 11:57 PM तक, इसके बाद त्रयोदशी आरंभ)
चंद्र राशि: तुला राशि
नक्षत्र:
स्वाति नक्षत्र : दोपहर लगभग 02:09 PM तक
विशाखा नक्षत्र: इसके बाद
योग और करण
योग: शुभ / सुकरमा योग
करण:
पूर्वार्ध: कौलव / तैतिल करण
उत्तरार्ध :गरजा करण
16 दिसंबर 2025 के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त
11:42 AM – 12:27 PM
किसी भी शुभ और महत्वपूर्ण कार्य के आरंभ के लिए श्रेष्ठ समय।
ब्रह्म मुहूर्त
प्रातः 05:32 AM – 06:20 AM
ध्यान, जप और साधना के लिए सर्वोत्तम।
16 दिसंबर 2025 के अशुभ मुहूर्त
राहुकाल
02:50 PM – 04:07 PM
गुलिक काल
12:15 PM – 01:32 PM
यमगण्ड काल
09:40 AM – 10:58 AM
आज का धार्मिक महत्व
मंगलवार होने के कारण हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
भगवान विष्णु, गणेश जी और सूर्य देव की आराधना से बाधाएँ दूर होती हैं।
व्रत, दान और सेवा कार्य पुण्य प्रदान करते हैं।
16 दिसंबर 2025 के उपाय और सुझाव
अभिजीत मुहूर्त में शुभ कार्य आरंभ करें
हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ हनुमते नमः” का जप करें
जरूरतमंदों को अनाज, गुड़ या वस्त्र दान करें
राहुकाल में कोई नया निर्णय न लें
16 दिसंबर 2025 का दिन आध्यात्मिक साधना, आत्मबल और कर्मसिद्धि के लिए अत्यंत अनुकूल है।
द्वादशी तिथि, शुभ नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त इस दिन को पूजा-पाठ, दान और नए कार्यों के लिए शुभ बनाते हैं।
सही समय का चयन कर किए गए कार्य जीवन में शांति, सफलता और शुभता लेकर आते हैं।