तरापीठ मंदिर (बीरभूम, पश्चिम बंगाल) के बारे में जानकारी

तरापीठ पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जो माँ तारा देवी को समर्पित है। यह स्थान तंत्र साधना और माँ की करुणा का अद्भुत संगम है। पास ही स्थित महाश्मशान और बाबा बामखेपा की उपस्थिति इसे आध्यात्मिक रूप से अत्यंत ऊर्जावान बनाते हैं।

Published On 2025-08-27 06:46 GMT   |   Update On 2025-08-27 06:46 GMT

तरापीठ मंदिर (बीरभूम, पश्चिम बंगाल)


तरापीठ पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जो माँ तारा देवी को समर्पित है। यह स्थान तंत्र साधना और माँ की करुणा का अद्भुत संगम है। पास ही स्थित महाश्मशान और बाबा बामखेपा की उपस्थिति इसे आध्यात्मिक रूप से अत्यंत ऊर्जावान बनाते हैं।

इतिहास और मान्यता

- यह 51 शक्तिपीठों में से एक है।

- मान्यता है कि माँ सती की तीसरी आँख (त्रिनेत्री) यहीं गिरी थी।

- ऋषि वशिष्ठ ने यहाँ माँ तारा की तपस्या की और उनका करुणामयी रूप देखा।

- वर्तमान मंदिर का निर्माण राजा जगन्नाथ राय ने 13वीं शताब्दी में करवाया था।

- बाबा बामखेपा (1837–1911) ने यहाँ तंत्र साधना कर माँ तारा से साक्षात्कार प्राप्त किया।

मंदिर की विशेषताएँ

- माँ तारा की मूर्ति में वे शिव को स्तनपान कराते हुए दिखती हैं।

- मंदिर बंगाली दोछाला शैली में बना है।

- पास में महाश्मशान है, जो तांत्रिक साधनाओं का मुख्य स्थल है।

- बगल में बाबा बामखेपा की समाधि भी स्थित है।

दर्शन और आरती समय

सुबह 5:30 बजे - मंदिर खुलता है

सुबह 6:00 बजे - मुख्य आरती

दोपहर 12–1:30 ; भोग-पूजा, दर्शन सीमित

शाम 6:00 बजे - संध्या आरती

रात 9:00 बजे - मंदिर बंद

यात्रा मार्ग (कैसे पहुँचें ?)

स्थान : तरापीठ, रामपुरहाट के पास, ज़िला बीरभूम, पश्चिम बंगाल

रेल मार्ग :

निकटतम स्टेशन: रामपुरहाट जंक्शन (9 किमी)

सड़क मार्ग :

कोलकाता से दूरी: लगभग 220–250 किमी

हवाई मार्ग:

नजदीकी हवाई अड्डा: कोलकाता एयरपोर्ट (220 किमी), दुर्गापुर (110 किमी)

आवास सुविधा

कई होटल व धर्मशालाएँ उपलब्ध :

* Hotel Bamakhepa

* Tara Maa Guest House

* Tara Bhavan Lodge

– मंदिर ट्रस्ट की सस्ती धर्मशालाएँ भी हैं।

त्योहार व विशेष आयोजन

- काली पूजा

- नवरात्रि

- अम्बुबाची मेला

- रथ यात्रा (आषाढ़ मास)

- हर अमावस्या को विशेष तांत्रिक पूजा होती है ।

तरापीठ केवल मंदिर नहीं, एक शक्तिपीठ है जहाँ भक्ति और तंत्र का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। माँ तारा की कृपा और बाबा बामखेपा की उपस्थिति इसे भारत के सबसे रहस्यमयी और शक्तिशाली धार्मिक स्थलों में से एक बनाती है।

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