ब्रह्मेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर

ब्रह्मेश्वर मंदिर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित एक प्राचीन और शानदार हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भुवनेश्वर के पुराने नगर में स्थित है।

Published On 2025-08-27 06:54 GMT   |   Update On 2025-08-27 06:54 GMT

ब्रह्मेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर

ब्रह्मेश्वर मंदिर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित एक प्राचीन और शानदार हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भुवनेश्वर के पुराने नगर में स्थित है। यह मंदिर कालिंग स्थापत्य कला का एक अद्वितीय उदाहरण है। इसकी वास्तुकला और नक्काशी इस मंदिर को भुवनेश्वर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाती है।

इतिहास

- ब्रह्मेश्वर मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी के अंत या 10वीं शताब्दी की शुरुआत में (लगभग 1058 ईस्वी) हुआ था। इसे सम्राट सोमावंशी उद्योतकेश्वर देव की रानी कोलवती देवी ने बनवाया था।

- यह मंदिर उस युग का एक महत्वपूर्ण स्थापत्य उदाहरण है जिसमें पहली बार धातु की बीम और स्तंभों का प्रयोग हुआ था।

- यह मंदिर "पंचरथ शैली" में बना है और इसके गर्भगृह के ऊपर एक सुंदर शिखर बना हुआ है।

वास्तुकला की विशेषताएं

- यह मंदिर रेत पत्थरों से निर्मित है।

- मंदिर के बाहरी भाग में सुंदर नृत्य करती अप्सराओं, शिव-गण, और तांत्रिक देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं।

- गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है जिसे "ब्रह्मेश्वर" नाम से पूजा जाता है।

दर्शन समय

सुबह : 6:00 AM – 12:00 PM

शाम : 4:00 PM – 8:00 PM

शिवरात्रि और सावन के सोमवार को यहाँ विशेष भीड़ होती है।

आरती और पूजा

प्रातःकाल आरती – लगभग 6:30 AM

शाम की आरती – लगभग 6:30 PM

विशेष अवसरों पर तांत्रिक पूजा और रुद्राभिषेक का आयोजन होता है।

कैसे पहुँचें ?

स्थान : ब्रह्मेश्वर मंदिर, ब्रह्मेश्वर पटना, भुवनेश्वर, ओडिशा

रेल मार्ग :

भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन सबसे निकटतम स्टेशन है (5-6 किमी की दूरी पर)।

सड़क मार्ग :

भुवनेश्वर शहर अच्छी तरह सड़क मार्ग से जुड़ा है।

हवाई मार्ग :

बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, भुवनेश्वर – मंदिर से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित है।

क्या देखें मंदिर परिसर में

- मुख्य गर्भगृह में शिवलिंग

- मंदिर के चारों कोनों में छोटे-छोटे उप-मंदिर

- सुंदर मूर्तिकला और नक्काशी

- शांति व आध्यात्मिक वातावरण

ब्रह्मेश्वर मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्थापत्य कला और इतिहास की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप भुवनेश्वर यात्रा पर हैं तो यह मंदिर अवश्य देखें। इसकी रहस्यमयी और दिव्य ऊर्जा आपको आत्मिक शांति का अनुभव कराएगी।

Tags:    

Similar News