Harihar Dham Temple Giridih: हरिहर धाम: विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग वाला वो अद्भुत मंदिर जहाँ हर साल टूटता है शादियों का रिकॉर्ड!

Harihar Dham Temple Giridih: झारखंड के हरिहर धाम मंदिर में स्थित है 65 फीट ऊँचा विशाल शिवलिंग, जो दुनिया में सबसे बड़ा है! यह मंदिर "चट मंगनी पट बियाह" के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ हर साल हजारों जोड़े विवाह करते हैं। जानिए इसके इतिहास, आयोजन और कैसे पहुँचें।

By :  Soni Singh
Published On 2025-06-23 18:52 GMT   |   Update On 2025-06-26 06:42 GMT

Harihar Dham Temple Giridih: पहाड़ी इलाकों से घिरा और जंगलों की हरी भरी हरियाली से भरा झारखंड राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इसी झारखंड राज्य में हिंदू धर्म के कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। जिसके दर्शन करने के लिए देश-विदेश से भक्त साल भर आते रहते हैं। अनेक मंदिरों में कुछ ना कुछ रोचक रहस्य छुपा हुआ होता है जो लोगों को आकर्षित करता है।

एक ऐसा ही रहस्यमयी मंदिर है झारखंड राज्य में हरिहर धाम मंदिर। इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है जिसको देखने के लिए और दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। यह मंदिर "चट मंगनी पट बियाह" के लिए काफी प्रसिद्ध है। दरअसल यह मंदिर दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां हर साल बहुत अधिक शादियों का रिकॉर्ड बनता है। यह मंदिर स्वयं अपना ही रिकॉर्ड हर साल तोड़ता है।

ऐसा रोचक हरिहर धाम मंदिर कहां है? यह कौन से भगवान को समर्पित है? यहां के प्रमुख त्योहार क्या है? यहां कैसे पहुंचा जा सकता है? और यहां के रिकॉर्ड से संबंधित सभी जानकारी जानने के लिए इस लेख के माध्यम से बने रहिए हमारे साथ।

*हरिहर धाम मंदिर कहां है?*

हिंदू धर्म का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हरिहर धाम मंदिर झारखंड राज्य के गिरिडीह में छोटा नागपुर डिवीजन में स्थित है। यह मंदिर बगोदर में प्रसिद्ध ग्रैंड ट्रंक रोड से केवल एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपको बता दें कि गिरिडीह जिला पहले अविभाजित बिहार राज्य के हजारीबाग जिले का एक हिस्सा था। हरिहर धाम मंदिर को सामान्य तौर से हरिहर धाम से जाना जाता है।

*हरिहर धाम मंदिर के बारे में:*

हरिहर धाम मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है और इस मंदिर को दुनिया में सबसे बड़े शिवलिंग स्थापित होने का गौरव प्राप्त है। यह शिवलिंग 65 फीट (20 मीटर) की ऊंचाई का है। मंदिर का क्षेत्रफल लगभग 25 एकड़ में फैला हुआ है। लोगों के अनुसार इस विशाल शिवलिंग के निर्माण में लगभग 30 साल से अधिक समय लगा था। मंदिर के पास ही उसरी नदी का तट है।

मंदिर परिसर में भगवान शिव के शिवलिंग के अलावा माता पार्वती, भगवान गणेश, श्री राधा कृष्ण समेत अन्य देवी देवताओं को समर्पित छोटे मंदिर भी हैं।

*मंदिर का इतिहास:*

इस प्रसिद्ध मंदिर का इतिहास पश्चिम बंगाल के जज अमरनाथ मुखोपाध्याय से जुड़ा हुआ बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सांसारिक मोह माया का त्याग करते हुए जब वह चारों धाम की यात्रा करने के लिए निकले थे तब वह बगोदर में कुछ समय के लिए रुके थे। इस दौरान उन्हें यह स्थान इतना पसंद आया कि दिल में छा गया। इसी के बाद से उन्होंने लोगों के सहयोग से इस विशाल मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 1988 में हुई थी।

*मंदिर में विशेष आयोजन:*

भगवान शिव को समर्पित होने के कारण इस मंदिर में महाशिवरात्रि, श्रावण पूर्णिमा, नाग पंचमी जैसे त्योहार पर विशेष आयोजन किया जाता है। देश विदेश से लोग श्रावण मास की पूर्णिमा को भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं और उन पर जलाभिषेक भी करते हैं।

*मंदिर खुलने का समय:*

हरिहर धाम मंदिर भक्तों के लिए सुबह 5:00 बजे से लेकर रात 8:00 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में प्रवेश करने के लिए कोई भी शुल्क नहीं है।

*मंदिर के बारे में रोचक तथ्य:*

हरिहर धाम मंदिर "चट मंगनी पट बियाह" के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। भगवान शिव के इस प्रसिद्ध मंदिर को लोग बहुत शुभ और पवित्र मानते हैं। यही कारण है कि साल भर में सबसे अधिक लोग अपने विवाह के लिए यहीं पहुंचते हैं। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां यह मंदिर स्वयं अपना रिकॉर्ड हर साल तोड़ता रहता है। हर साल यहां लोग पिछले साल से अधिक आकर अपना विवाह करते हैं।

आपको बता दें कि हरिहर धाम में इस प्रसिद्ध मंदिर ने न केवल भारतीय जोड़ो की जोड़ी बनाई है बल्कि विदेशों से आए लोगों का भी विवाह कराया है।

*हरिहर धाम मंदिर यात्रा का सबसे अच्छा समय:*

हरिहर धाम मंदिर यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों का है। जिससे आपको गर्मियों में अधिक गर्मी और बरसात के मौसम में कीचड़ जैसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

अक्टूबर से मार्च तक के महीने में मौसम आरामदायक और सुहावना होता है। और आपको भीड़ का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं दूसरी तरफ अगर आप मंदिर के प्रमुख आयोजनों का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आप महाशिवरात्रि नाग पंचमी या श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर की यात्रा का विचार कर सकते हैं।

*हरिहर धाम मंदिर कैसे पहुंचे:*

० *हवाई मार्ग:*

मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा बिरसा मुंडा हवाई अड्डा है जो झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है। हवाई अड्डे से निकलने के बाद आप प्राइवेट टैक्सी या बस के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।

० *रेल मार्ग:*

हरिहर धाम मंदिर से निकटतम रेलवे स्टेशन हजारीबाग रोड है जो मंदिर से केवल 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

० *सड़क मार्ग:*

झारखंड का सड़क मार्ग अच्छी तरह से विकसित होने के कारण अन्य शहरों से भी जुड़ा हुआ है। जो भी व्यक्ति मंदिर पहुंचना चाहता है वह अपने निजी वाहन के माध्यम से सड़क मार्ग का भी उपयोग कर सकता है।

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