Jhansi Ganesh Mandir: जहाँ रानी लक्ष्मीबाई ने लिए थे सात फेरे! झांसी के गणेश मंदिर का अद्भुत इतिहास और रहस्य
Jhansi Ganesh Mandir: गणेश मंदिर, झांसी के रानी महल क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। यह मंदिर न केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि रानी लक्ष्मीबाई के जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना का साक्षी भी है।;
Jhansi Ganesh Mandir: गणेश मंदिर, झांसी के रानी महल क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। यह मंदिर न केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि रानी लक्ष्मीबाई के जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना का साक्षी भी है।
ऐतिहासिक महत्व
गणेश मंदिर का इतिहास झांसी की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई से जुड़ा हुआ है। 19 मई 1842 को इसी मंदिर में मणिकर्णिका (बचपन का नाम) और झांसी के राजा गंगाधर राव का विवाह हुआ था। इसी विवाह के उपरांत मणिकर्णिका को 'लक्ष्मीबाई' नाम दिया गया। मंदिर में विवाह की रस्में मराठी परंपरा के अनुसार संपन्न हुई थीं।
इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी के अंत में झांसी के मराठा शासक रघुनाथ राव नेवालकर या उनके पूर्वजों द्वारा कराया गया था। यह मंदिर मराठा शासनकाल की स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
स्थापत्य कला
गणेश मंदिर मराठा स्थापत्य शैली में निर्मित है। मंदिर में एक विशाल सभा मंडप है, जिसका आकार 18 फीट चौड़ा और 54 फीट लंबा है। इसकी ऊँचाई लगभग 35 फीट है। यही वह स्थान है, जहाँ रानी लक्ष्मीबाई और राजा गंगाधर राव ने विवाह के फेरे लिए थे।
सभा मंडप में कुल 14 प्रवेश द्वार और ऊपरी भाग में 52 झरोखे हैं। कहा जाता है कि इन्हीं झरोखों से महिलाएं विवाह की रस्में देखती थीं। मुख्य द्वार के दोनों ओर शहनाई और ढोल-नगाड़ों के लिए मंच बनाए गए हैं, जो इसकी परंपरागत मराठी विशेषता को दर्शाते हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
गणेश मंदिर केवल एक ऐतिहासिक स्मारक नहीं है, बल्कि यह आज भी स्थानीय लोगों के लिए एक जीवंत पूजा स्थल है। रानी लक्ष्मीबाई विवाह के बाद नियमित रूप से यहां पूजा करती थीं। गणेश चतुर्थी जैसे अवसरों पर सबसे पहले इसी मंदिर में पूजन होता है और उसके बाद नगर में उत्सव की शुरुआत होती है।
आज भी हर वर्ष 19 मई को रानी लक्ष्मीबाई और राजा गंगाधर राव की विवाह वर्षगांठ पर मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और झांकी प्रदर्शन शामिल होते हैं।
मंदिर का समय एवं संपर्क जानकारी
- मंदिर खुलने का समय : प्रतिदिन 24 घंटे खुला रहता है। विशेष पर्वों पर विशेष पूजन एवं आयोजन होते हैं।
- पता : 245, नई बस्ती, पंचकुइयां, इंद्रपुरी, झांसी, उत्तर प्रदेश – 284001
- निकटतम रेलवे स्टेशन: झांसी जंक्शन – लगभग 1.1 किमी दूरी पर
कैसे पहुँचें ?
रेल मार्ग द्वारा : झांसी जंक्शन रेलवे स्टेशन उत्तर भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है। स्टेशन से मंदिर तक ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा या पैदल पहुँचा जा सकता है।
• सड़क मार्ग द्वारा : झांसी सड़क मार्ग से दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है।
• वायुमार्ग द्वारा : निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर (लगभग 103 किमी) है। वहाँ से झांसी सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है।
गणेश मंदिर, झांसी न केवल एक पवित्र धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और रानी लक्ष्मीबाई के जीवन का एक जीवंत स्मारक भी है। यह मंदिर मराठा स्थापत्य का सुंदर उदाहरण है, जहाँ आस्था, परंपरा और राष्ट्रप्रेम का संगम देखने को मिलता है। यदि आप झांसी की यात्रा करें, तो यह मंदिर अवश्य देखें — यह झांसी की आत्मा से आपका परिचय कराएगा।