Badi durga mandir munger : बड़ी दुर्गा माँ मंदिर, मुंगेर: जहाँ रात 4 बजे होती है चमत्कारी आरती, विसर्जन पर टूट पड़ती है भक्तों की भीड़!

Badi Durga Mandir Munger: बड़ी दुर्गा मां मंदिर बिहार के मुंगेर जिले का एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल है, जो नवरात्रि और दुर्गा पूजा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

Published On 2025-06-18 17:20 GMT   |   Update On 2025-08-13 14:17 GMT

Badi Durga Mandir Munger: बड़ी दुर्गा मां मंदिर बिहार के मुंगेर जिले का एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल है, जो नवरात्रि और दुर्गा पूजा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह मंदिर मां दुर्गा के प्रति आस्था, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। स्थानीय लोग इसे “बड़ी दुर्गा महारानी” के रूप में पूजते हैं। यह मंदिर खासकर अपने पारंपरिक शोभा यात्रा, निशा पूजन और विसर्जन परंपरा के लिए प्रसिद्ध है।

*स्थान*

- मंदिर मुंगेर जिले के शादिपुर मोहल्ले में स्थित है।

- स्थानीय रूप से इसे “बड़ी दुर्गा मंदिर, मुंगेर” या “बड़ी दुर्गा महारानी मंदिर” के नाम से जाना जाता है।

- पास में बाटा चौक, जिला स्कूल, गंगा घाट, और अन्य धार्मिक स्थल भी स्थित हैं।

- पूरा इलाका नवरात्रि के समय मेले जैसा हो जाता है।

*समय और दर्शन अवधि*

• मंदिर आमतौर पर सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।

• विशेष पर्वों पर (जैसे नवरात्रि) मंदिर रातभर खुला रहता है, विशेष रूप से निशा पूजा के लिए।

आरती के समय :-

सुबह आरती – 6:30 बजे

शाम आरती – 7:00 बजे

विशेष पूजा (नवरात्र) – आधी रात को भी की जाती है।

*कैसे पहुँचे*

सड़क मार्ग :-

• मुंगेर जिला मुख्यालय से मंदिर की दूरी लगभग 2-3 किमी है।

रेल मार्ग :-

मुंगेर रेलवे स्टेशन – लगभग 3 किमी दूर

जमालपुर जंक्शन – लगभग 7-8 किमी दूर

हवाई मार्ग :-

• नजदीकी हवाई अड्डा: जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पटना (~200 किमी)

*धार्मिक महत्व और उत्सव*

दुर्गा पूजा और नवरात्रि :

• नवरात्रि में बड़ी धूमधाम से नवदुर्गा पूजन होता है।

• विशेष पूजा के लिए स्थानीय कलाकार और पुजारी पूरे रीतिरिवाज के साथ माता की स्थापना करते हैं।

• श्रद्धालु यहां कन्या पूजन, भजन-कीर्तन, और रात्री जागरण करते हैं।

शोभा यात्रा :

• अष्टमी या नवमी तिथि को रात में माता दुर्गा की शोभा यात्रा निकाली जाती है।

• पारंपरिक कहरों की पालकी में माता की प्रतिमा रखकर, ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों के साथ यात्रा निकलती है।

• यह यात्रा बाटा चौक, गंगा घाट, और पूरे शहर में घूमती है।

विसर्जन :

• विजयदशमी (दशहरा) के दिन माता की प्रतिमा का गंगा नदी में पारंपरिक ढंग से विसर्जन होता है।

• यह विसर्जन बहुत ही भावनात्मक और श्रद्धा से परिपूर्ण होता है, जिसमें हजारों लोग भाग लेते हैं।

*विशेष आकर्षण*

- रात 4 बजे की बाटा चौक आरती – विशेष प्रभावशाली होता है।

- निशा पूजन – एक आध्यात्मिक अनुभव, जिसमें भक्त रातभर पूजा करते हैं।

- स्थानीय भोग और प्रसाद – खासकर खीर, पूड़ी, चने, हलवा आदि भक्तों को प्रसाद रूप में मिलता है।

- मंदिर प्रांगण की सजावट – रंग-बिरंगे झूमर, लाइट्स और पारंपरिक चित्रकला।

*आसपास के दर्शनीय स्थल*

1. चांदीका स्थान – देवी चंडी का प्राचीन शक्तिपीठ, नेत्र रोगों में चमत्कारी मानी जाती हैं।

2. मुंगेर किला – इतिहासप्रेमियों के लिए आदर्श।

3. गंगा घाट – शांति व ध्यान के लिए सुंदर स्थान।

4. सीताचरण मंदिर – कहा जाता है कि माता सीता के चरणों की छाप यहाँ है।

बड़ी दुर्गा मां मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भक्ति, संस्कृति और परंपरा का संगम है। नवरात्रि के दौरान यहाँ का माहौल भक्तिमय हो जाता है और हर कोना माता की जयकारों से गूंज उठता है। यदि आप बिहार या पूर्वी भारत की लोक-संस्कृति और देवी उपासना का अनुभव करना चाहते हैं, तो यह मंदिर आपकी यात्रा सूची में अवश्य होना चाहिए।

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